रायपुर 28 मार्च। एनएसयूआई मीडिया विभाग के चेयरमैन संकल्प मिश्रा ने कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद से सदस्यता खत्म करने के विरोध में प्रदेश के हर एक छात्र- छात्राओं और कार्यकर्ताओं में भारी रोष है. राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म करना अराजकता की पराकाष्ठा है। केंद्र की मोदी सरकार राहुल गांधी से डरी हुई है, सदस्यता खत्म करने की साज़िश इसका प्रमाण है। लेकिन सत्य को दबाया नहीं जा सकता है। तानाशाही क्या होती है, यह सिर्फ सुना था लेकिन अब राहुल जी के मामले में इसे देख भी लिया है। सदस्यता खत्म करना तानाशाही की शुरुआत है। छात्रों, युवाओं की नौकरी का हक़ मार कर अडानी की कंपनी में 20 हजार करोड़ रुपये शैल कंपनियों के आए हैं, तो इस पर क्या सवाल नहीं पूछेंगे ? दुर्भाग्य है कि सवाल पूछने पर सदन से बाहर हो जाते है। न खाऊंगा, न खाने दूंगा यह तो जुमला लेकिन किसने खाया और क्यों खाया? यह नहीं बताया।
सन 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी जी ने कहा था- आप मेरी सरकार बना दो, हर व्यक्ति के खाते में 15 लाख डालूंगा। 2 करोड़ नौजवानों को हर साल नौकरी दूंगा। विदेश में मौजूद काला धन वापस लाऊंगा। ऐसे ही सब्जबाग दिखाकर वोट ठगे हैं। भाजपा द्वारा षडयंत्रपूर्वक राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता को रद्द किया गया है जोकि भाजपा की तानाशाही नीतियों को दर्शाता है। यह कृत्य साफ दर्शाता हैं कि विश्व की सबसे बडी लोकतंत्र प्रणाली को आघात करने का प्रयास किया जा रहा हैं। भाजपा द्वारा अगर देश में इसी तरह तानाशाही रवैया अपनाया गया तो विश्व की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रणाली भविष्य में तानाशाही के नाम से जानी जाएगी।