अंतर्राष्ट्रीय बुकर सम्मान से सम्मानित उपन्यास रेत समाधि की लेखिका गीतांजलि श्री से उनके किताबों और जीवन के संघर्षों को लेकर बातचीत

प्रभा खेतान फाउंडेशन की पहल कलम द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित उपन्यास रेत समाधि की लेखिका गीतांजलि श्री के साथ बातचीत का आयोजन किया गया। यह बातचीत उनके किताब और जीवन के उतार-चढ़ाव पर आधारित थी। जिस दौरान उन्होंने अपनी और अपनी किताबों पर अपनी बात कही। इस बैठकी में उनके साथ एहसास वुमन की सदस्या आंचल गरचा वार्तालाप के लिए थी। कार्यक्रम का आयोजन श्री सीमेंट के सहयोग से आयोजित हुआ। इस बातचीत में उन्होंने कहा कि कोई भी चीज़ सरहदों में समेटी नहीं जा सकती है। उसी तरह भाषा भी सरहदों से परिभाषित नहीं होती है। यह आपके किरदार मे झलकती है। एक वक्त में अलग-अलग समयों का समावेश होता है। इसलिए हर किसी को किसी भी तरह के तरह बदलाव से पहले यह सुनिश्चित नही करना चाहिए कि ये इस अभी के लिए जरूरी होगी भी या नहीं। बुकर सम्मान के बारे में श्री कहती है कि 2018 में किताब के रिलीज़ के बाद लगभग 8 से 9 महिने के दौरान उन्होंने इसका अनुवाद किया। जिसके बाद हमारी मुलाकात उनसे लंदन में सम्मान समारोह के दौरान हुयी। लेखकों के लिए उन्होंने कहा कि वो किसी पुरस्कार या लोकप्रियता के लिखते नहीं है। बल्कि लेखन अलग यात्रा है। उन्होंने बताया कि आज के पाठक और लेखक बहुत ही जल्दी में होते हैं। उन्हें नहीं मालूम कि यह जल्दीबाजी किस लिए है। लेकिन यही कारण है वो वास्तविकता से दूर हो रहे हैं।
कार्यक्रम के अंत में उन्हें आलोक पुतुल BBC पत्रकार ने सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन श्रृष्टि त्रिवेदी ने किया। एहसास woman कीर्ति किरदत भी मौजूद रही। इस दौरान फाउंडेशन के अन्य सदस्य भी मौजूद थे। उनके साथ मीडिया के लोग भी उपस्थित रहे। इस बैठकी का आयोजन होटल कोर्ट्यार्ड बाय मैरियट में श्री सीमेंट के सहयोग से किया गया।

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