कलेक्टर ने ली उच्च शिक्षा, श्रम, कौशल और खेल विभाग की बैठक

कलेक्टर श्री प्रभात मलिक ने कहा है कि महाविद्यालयीन छात्र-छात्राओं को अध्ययन के दौरान रोजगार और कौशल विकास से संबंधित जानकारी और प्रशिक्षण देने के लिए महाविद्यालय प्लेसमेंट सेल का स्थापित किया जाए। प्लेसमेंट सेल में कौशल विकास के साथ-साथ कैरियर गाइडेंस की जानकारी दी जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों में बेहतर परिणाम के लिए बच्चों के 75 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए प्रत्येक माह की उपस्थिति पंजी का संधारण हो एवं उपस्थिति की नियमित समीक्षा की जाए। कलेक्टर ने आज उच्च शिक्षा, श्रम, कौशल और खेल विभाग की बैठक के दौरान उक्त बातें कही।
जिला कार्यालय के सभाकक्ष में कलेक्टर ने समीक्षा के दौरान कहा कि महाविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए रोजगार और कैरियर गाइडेंस के नए अवसर पैदा करने के लिए प्लेसमेंट सेल का होना आवश्यक है। इसके लिए प्राचार्य महाविद्यालयों में नोडल अधिकारी नियुक्त करें। उन्होंने कहा कि इसके लिए कौशल विभाग महाविद्यालयों में व्हीटीपी का पंजीयन कराएं। श्रम विभाग ऐसे उद्योगों की सूची भी दें जहां कार्य की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा में गुणवत्ता के लिए प्राध्यापक गण लेक्चर प्लान के साथ पॉवर पॉइंट में अध्यापन कार्य करवाएं। प्राध्यापकों की उपस्थिति भी समय पर सुनिश्चित हो तथा महाविद्यालयीन परीक्षा परिणाम बेहतर लाएं। कलेक्टर श्री मलिक ने महाविद्यालयों के आधारभूत समस्याओं पर भी चर्चा करते हुए कहा कि आवश्यक संसाधन की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने महाविद्यालयीन छात्र-छात्राओं की आवागमन की समस्याओं को देखते हुए सिटी बस संचालन के सुविधाओं पर जल्द ही अमल करने की बात कही।
इसी तरह बैठक में शासकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालय एवं शासकीय आईटीआई में भी 12वीं के पश्चात बच्चों के प्रवेश के लिए शिक्षा विभाग के साथ समन्वय कर अधिक से अधिक प्रवेश दिलाने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि 12वीं के पश्चात बच्चों को रोजगार से जोड़ने पॉलीटेक्निक और आईटीआई में प्रवेश दिलाया जाए। ताकि प्रशिक्षण के पश्चात उन्हें रोजगार मिल सके। कलेक्टर ने दोनों संस्थाओं में आधारभूत समस्याओं के समाधान के लिए स्वीकृति दी। इसी तरह श्रम विभाग द्वारा संचालित होने वाली योजनाओं में अधिक से अधिक हितग्राहियों का संगठित एवं असंगठित कर्मकार योजना अंतर्गत पंजीयन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सभी गर्भवती माताओं का मिनी माता महतारी जतन योजना के तहत पंजीयन अनिवार्य रूप से करें और उसे योजनाओं का लाभ दिलाएं।
कलेक्टर ने जिले में संचालित खेलकूद गतिविधियों की समीक्षा करते हुए कहा कि जिले में खेलों को बढ़ावा देने और बेहतर वातावरण उपलब्ध कराने के लिए कोचिंग की व्यवस्था की जाए। जिन खेलों में भविष्य में संभावनाएं दिखाई देती है, वैसे खेलों के लिए नियमित कोच की व्यवस्था किया जाएगा। उन्होंने कहा कि खेलों के विकास और खिलाड़ियों की प्रतिभा को देखते हुए आवश्यक संसाधन भी उपलब्ध कराए जायेंगे। साथ ही जिले में मौजूद मिनी स्टेडियम एवं खेल मैदानों में रख-रखाव के लिए भी कार्य किए जायेंगे। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एस. आलोक, शासकीय महाप्रभु वल्लभाचार्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. रीता पांडेय, श्रम पदाधिकारी श्री जी.के. पांडेय, जिला खेल अधिकारी श्री मनोज धृतलहरे, कौशल विकास सहायक संचालक श्री अशोक साहू एवं जिले के महाविद्यालय, पॉलीटेक्निक व आईटीआई के प्राचार्य उपस्थित थे।

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