प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कांग्रेस सरकार पर लगाये गये भ्रष्टाचार के आरोपों को कांग्रेस ने खारिज किया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री के द्वारा राजनैतिक दुर्भावना वश कांग्रेस सरकार पर गलत आरोप लगाया। कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार के एक रूपया का भी प्रमाणित आरोप नहीं लगा पाने वाली भाजपा के प्रधानमंत्री ने झूठ बोला। पहले ईडी को भेजकर गलत कार्यवाही करवाया फिर उसी आधार पर सरकार को बदनाम करने आरोप लगाया। प्रधानमंत्री की ईडी छत्तीसगढ़ की गली-गली घूम रही है। ईडी अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जा कर राजनैतिक आधार पर कार्यवाही कर रही उसके बाद भी ईडी छत्तीसगढ़ में सरकार के कुछ भी हासिल नहीं कर पाई, सिवाय षडयंत्र और झूठी पटकथा के। अभी तक ईडी की जिस झूठी पटकथा को भाजपा के छत्तीसगढ़ के नेता पढ़ते थे दुर्भाग्यजनक है प्रधानमंत्री भी अपनी गरिमा को गिराकर उसी झूठी पटकथा को पढ़ गये।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री रमन सरकार के एक लाख करोड़ के भ्रष्टाचार पर मौन रहे। छत्तीसगढ़ में रमन राज में 36000 करोड के नान घोटाला, अगस्ता और पनामा घोटाला, डीकेएस घोटाला, प्रियदर्शनी सहकारी बैंक घोटाला, ई-टेंडरिंग घोटाला, घटिया मोबाइल खरीदी घोटाला, मच्छरदानी घोटाला, गुणवत्ता हीन एक्सप्रेसवे, अनुपयोगी स्काईवॉक घोटाला, 6000 करोड़ का चिटफंड घोटाला रमन के 4700 करोड़ के शराब घोटाला, 1667 करोड़ के गौशाला घोटाला सहित एक लाख करोड़ से ज्यादा के भ्रष्टाचार के आरोप रमन सिंह पर है लेकिन केवल भाजपा नेता होने के कारण रमन सिंह को मोदी सरकार का संरक्षण प्राप्त है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भ्रष्टाचार भाजपा के लिए केवल सिलेक्टिव पॉलिटिक्स का राजनीतिक हथियार है। विगत 9 वर्ष के मोदी राज में केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग से ईडी, आईटी, सीबीआई ने जितने आरोपियों को जेल भेजा उससे कई गुना ज्यादा आरोपियों को भाजपा में भेजकर उनके खिलाफ संस्थित जांच भी रोक दिया गया। महाराष्ट्र में नारायण राणे, एकनाथ शिंदे सहित 16 विधायकों पर ईडी आईटी की कार्यवाही लंबित थी, लेकिन भाजपा के साथ आते ही जांचें स्थगित। हाल ही में अजित पवार, छगन भुजबल सहित आठ विधायकों पर ईडी की कार्यवाही लंबित थी अब वे सभी महाराष्ट्र सरकार में भाजपा के सहयोगी हैं। असम में हेमंत बिसवा सरमा, पश्चिम बंगाल में मुकुल राय और शुभेंदु अधिकारी, कर्नाटक में येदुरप्पा के भ्रष्टाचार, खनन माफिया रेड्डी बंधुओं का काला धन भाजपा के संरक्षण में सफेद हो गया। रमेश पोखरियाल निशंख के भूमि एवं जल विद्युत परियोजना में किया गया भ्रष्टाचार भी सर्वविदित है। 2008 से 2022 के बीच गुजरात में 600 करोड़ का कोयला घोटाला हुआ 60 लाख टन कोयला गायब होने के आरोप लगे लेकिन आज तक जांच नहीं। उत्तर प्रदेश में 22 सौ करोड़ का प्रोविडेंट फंड घोटाला हुआ लेकिन मोदी जी उस पर भी मौन रहे। बरेली का चिटफंड घोटाला भी भाजपा के षड्यंत्र से हुआ। दरअसल भाजपा और मोदी सरकार को भ्रष्टाचार से परहेज नहीं केवल राजनीतिक पाखंड है मोदी सरकार का षड्यंत्र विपक्ष की राज्य सरकारों को अस्थिर करने दूसरे दल के नेताओं को डराने धमकाने के लिए केवल भ्रष्टाचार के तथ्यहीन आरोप लगा कर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग कर भाजपा राजनैतिक एजेंडे को पूरा करने का है।