एक वर्ष में नेत्र रोगों की एक हजार से अधिक नि:शुल्क सर्जरी
नवरात्र में कन्याओं के लिए फ्री चेकअप की सुविधा
बुजुर्गों के लिए 50 रुपये में ओपीडी की सुविधा
रायपुर. छत्तीसगढ़ का अत्याधुनिक चिकित्सा संस्थान SBH आई हॉस्पिटल (साई बाबा आई हॉस्पिटल) चिकित्सा क्षेत्र में नियमित रूप से अपना योगदान दे रहा है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक दुनिया में 2.2 बिलियन लोग दूर या निकट दृष्टि दोष से ग्रसित है और 45 मिलियन लोग देख nhi पाते। दुनिया में 94 मिलियन लोगों को मोतियाबिंद की समस्या है, जो लोगो को अंधत्व की ओर लेके जा रही है। हैरत की बात यह है कि यह समस्या भारत की बहुत बड़ी समस्या है। इसी कड़ी में एसबीएच आई हॉस्पिटल ने अब समाज को अंधत्व से मुक्ति दिलाने की दिशा में काम करते हुए एक नई पहल की है. एसबीएच आई हॉस्पिटल की ओर से बीते लगभग एक वर्ष में एक हजार से अधिक नेत्र रोगियों की नि:शुल्क सर्जरी की गई है. वहीं शक्ति की आराधना के पर्व नवरात्र में देवी स्वरूप कन्याओं के लिए पहल करते हुए हॉस्पिटल की ओर से 4 वर्ष से लेकर 18 आयु उम्र की कन्याओं के लिए नि:शुल्क नेत्र जाँच की सुविधा प्रदान की जा रही है. साथ ही बुजुर्गों के लिए सिर्फ 50 रुपये के शुल्क पर ओपीडी की सुविधा भी दी जा रही है.
इस संबंध में एसबीएच हॉस्पिटल के डायरेक्टर एवं वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. आशीष महोबिया ने बताया कि एसबीएच आई हॉस्पिटल ने अपने सामाजिक उत्तरदायित्वों को समझते हुए समाज के लिए योगदान देने का प्रण लिया है. इसके लिए नियमित रूप से अलग-अलग अभियान चलाए जाते हैं. इसी कड़ी में इस वर्ष की शुरुआत में 16 जनवरी से 26 जनवरी तक बुजुर्गों के लिए नि:शुल्क नेत्र रोग जांच शिविर का आयोजन किया गया था. इस शिविर में रेटिना, ग्लूकोमा, मोतियाबिंद जैसे नेत्र संबंधी विकारों के साथ बीपी, शुगर आदि की जाँच भी नि:शुल्क प्रदान की गई. इसके अलावा एसबीएच आई हॉस्पिटल द्वारा अंधत्व मुक्ति की ओर कदम बढ़ाते हुए बीते एक वर्ष में एक हजार से अधिक नेत्र रोगियों की जाँच से लेकर सर्जरी तक की प्रक्रिया नि:शुल्क की गई. इस सर्जरी का लाभ उन मरीजों को मिला, जो आर्थिक रूप से कमजोर होने की वजह से बड़े अस्पतालों में अपना समुचित उपचार नहीं करा सकते.
दूसरी ओर साँई बाबा हॉस्पिटल द्वारा नवरात्र में 15 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक 4 वर्ष से लेकर 18 वर्ष तक की कन्याओं के लिए नि:शुल्क नेत्र जाँच की सुविधा दी जा रही है. इसका लाभ लेने अभिभावक लगातार अपनी बेटियों को लेकर पहुंच रहे हैं. अब तक सौ से अधिक देवी स्वरूप कन्याओं को इस सुविधा का लाभ मिल चुका है.
गौरतलब है कि एसबीएच हॉस्पिटल छत्तीसगढ़ ही नहीं, पूरे मध्य भारत में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से लैस अस्पतालों में से एक है. जहां नेत्र रोग समेत स्त्री रोग, नि:संतानता व शिशु रोग संबंधी जटिल समस्याओं का समुचित उपचार उपलब्ध है. साँई बाबा हॉस्पिटल में देश के प्रतिष्ठित अस्पतालों से प्रशिक्षित विशेषज्ञ अपनी सेवाएँ दे रहे हैं. साँई बाबा हॉस्पिटल में अत्याधुनिक तकनीक में से एक फेको पद्धति से मोतियाबिंद की सर्जरी की जाती है, जिसमें चीरा या टांका लगाने की जरूरत नहीं होती है तथा इन्फेक्शन का खतरा भी कम होता है। वहीं निकट दृष्टि दोष या दूर दृष्टि दोष के उपचार सके साथ चश्मे से छुटकारा पाने के लिए लेसिक लेजर सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है।