अजीबो-गरीब उपायों से लोगों पर कृपा बरसाने का दावा करने वाले विवादित आध्यात्मिक गुरु निर्मलजीत सिंह नरूला उर्फ़ निर्मल बाबा को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने निर्मल बाबा व सुषमा नरूला के खिलाफ मेरठ की ए.सी.जे.एम कोर्ट में धोखाधड़ी के आरोप में कायम मुकदमे की सुनवाई की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है.
अदालत ने इस मामले में शिकायतकर्ता हरीश सिंह समेत यूपी सरकार व अन्य विपक्षियों को नोटिस जारी कर उनसे जवाब दाखिल करने को कहा है. अदालत ने इन सभी को जवाब दाखिल करने के लिए छह हफ्ते की मोहलत दी है. हाईकोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई छह फरवरी को होगी.
यह आदेश न्यायमूर्ति ओम प्रकाश ने सुषमा नरूला व अन्य की याचिका पर दिया है. याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता एम.डी सिंह शेखर व राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता विनोद कान्त व ए.जी.ए निखिल चतुर्वेदी ने पक्ष रखा.
निर्मल बाबा पर आरोप है कि उन्होंने कहा था कि पीड़ित खीर बनाकर खाये व उसे दूसरे लोगों में भी बांटे. ऐसा करने के बावजूद फायदा होने के बजाय वह बीमार हो गया, जिस पर उसने इस्तगासा दायर किया
इस मामले में मजिस्ट्रेट ने सम्मन जारी किया है, जिसे याचिका में चुनौती दी गयी है. याची का कहना है कि विपक्षी ने इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के खिलाफ केस दर्ज कराया है. केवल चर्चा में आने व अनुचित रूप से धन उगाही करने के लिए वह फर्जी केस कायम करता है. वह फर्जी मुकदमा दर्ज करने का आदी है.
जबकि विपक्षी ने आरोप लगाया है कि निर्मल बाबा के निर्देशों का पालन करने से उसे फायदा होने के बजाय नुकसान हुआ और उसकी तबीयत बिगड़ गई. अदालत ने निर्मल बाबा व उसकी पत्नी के खिलाफ मेरठ की अदालत में चल रहे मुक़दमे की सुनवाई पर रोक लगा दी.