उद्धव ठाकरे का बड़ा बयान राम मंदिर अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री मोदी के हाथों नहीं बल्कि उनके हाथों होना चाहिए

अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन की तैयारी पूरी हो गई है। प्रधानमंत्री मोदी रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री द्वारा प्राण प्रतिष्ठा किए जाने पर सवाल उठे हैं। उन्होंने कहा है कि राम मंदिर अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री मोदी के हाथों नहीं, राष्ट्रपति के हाथों होनी चाहिए। अगर राष्ट्रपति को नहीं बुलाया जाता तो 22 जनवरी को शिवसेना राष्ट्रपति को आमंत्रित कर रही है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि शंकराचार्य विरोध कर रहे हैं, लेकिन वो धर्मशास्त्र के ज्ञाता हैं इसलिए उनसे विचार विमर्श करना चाहिए। नासिक के कालाराम मंदिर में करेंगे आरती।

इसके अलावा उद्धव ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अज्ञानी हैं, उनकी उम्र कम होगी, उन्हें मालूम नहीं तब क्या हुआ था। शिवसेना का राम मंदिर आंदोलन में योगदान रहा है। 22 जनवरी को हम नासिक के कालाराम मंदिर में आरती करेंगे और गोदावरी में भी आरती करेंगे। आयोध्या में 22 जनवरी को श्रीराम की सिर्फ प्राण प्रतिष्ठा नहीं होंगी, बल्कि राष्ट्र की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है इसलिए राष्ट्रपति को भी आमंत्रित करना चाहिए। सोमनाथ मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने की थी, वैसे ही अयोध्या में भी राष्ट्रपति के हाथों रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी चाहिए।

रामलला के विराजमान से हम भी खुश उन्होंने आगे कहा कि वह राष्ट्रपति को बुलाएंगे कि नहीं, ये मुझे नहीं मालूम लेकिन हम 22 जनवरी को कालाराम मंदिर में आरती के लिए राष्ट्रपति को आमंत्रित करते हैं। उन्होंने कहा कि मैं धर्म शास्त्र का पंडित नहीं हूं, लेकिन शंकराचार्य की राय लेने में कोई हर्ज नहीं है। हमें खुशी है कि राम विराजमान हो रहे हैं। हम भी दिवाली मनाएंगे, पर जो देश का दिवाला निकल रहा इस पर भी चर्चा हो।

Check Also

NEET-NET समेत सभी राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षाओं में बड़े बदलाव: केंद्र सरकार का अहम फैसला

NEET-NET समेत सभी राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षाओं में बड़े बदलाव: केंद्र सरकार का अहम फैसला केंद्र …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *