जामुल निवासी दुखिया बाई (90) शुक्रवार रात अपने कमरे में सो रही थीं। उनकी बहू ने मच्छर भगाने के लिए उनकी खाट के नीचे मच्छर मारने की अगरबत्ती रखी थी। रात में ठंड ज्यादा होने पर वृद्धा ने कंबल ओढ़ा तो वे नीचे लटक गईं।
बताया जा रहा है कि अगरबत्ती के संपर्क में आकर कंबल में आग लग गई। उसने खाट को भी अपनी चपेट में ले लिया। इस दौरान उसके बेटा और बहू अलग कमरे में सो रहे थे। ज्यादा उम्र होने और बीमारी के कारण महिला खुद से भागने में असमर्थ थी।
आशंका है कि दम घुटने के चलते शोर भी नहीं मचा सकी। इसके चलते आग लगने के बाद वह खाट से उतरकर भाग नहीं सकी। परिवार वालों ने उसके चिल्लाने की भी आवाज नहीं सुनी। ऐसे में अंदेशा है कि अधिक धुआं होने से उसका दम घुट गया। इससे वह शोर मचाकर मदद के लिए बुला भी नहीं सकी। बेटा और बहू ने बताया कि अगले दिन शनिवार सुबह जब वे सोकर उठे तो उन्हें घर में कुछ जलने की बदबू आ रही थी। इस पर वे लोग बगल में स्थित मां के कमरे में पहुंचे। वहां देखा तो बुजुर्ग दुखिया बाई की लाश अधजली हालत में पड़ी हुई थी। घरवालों ने घटना की जानकारी जामुल थाना पुलिस को दी।
पुलिस ने जांच के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सुपेला के लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल भेजा और पंचनामा कार्रवाई के बाद परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस का कहना है कि फिलहाल मामले की जांच कर रहे हैं