रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा ने छत्तीसगढ़ की भ्रष्ट कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसकी पिछली भूपेश सरकार के शासनकाल में 854 फर्जी किसान बनाकर प्रधानमंत्री सम्मान निधि के करोड़ों रुपए डकार ले गए। यह देश का पहला ऐसा मामला है जिसमें कांग्रेसियों ने फर्जी किसान खड़े कर दिए। श्री शर्मा ने कहा कि कांग्रेस की भूपेश सरकार ने जिस बेहयाई के साथ जनकल्याणकारी, किसानों के हित की योजनाओं तक को अपने लिए घपले-घोटालों के अवसर के तौर पर इस्तेमाल करके गरीबों, किसानों और प्रदेश की जनता की गाढ़ी कमाई पर डाका डाला और सरकारी खजाने में सेंधमारी करके छत्तीसगढ़ को 10, जनपथ का एटीएम बना रखा था, उसकी अब बड़ी बारीकी से जाँच करके तमाम भ्रष्टाचारियों को सींखचों के पीछे डालने का वक्त आ गया है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री शर्मा ने कहा कि बेमेतरा जिले की बेरला तहसील के बारगांव में 1456 किसानों में 854 के फर्जी होने की शिकायत का सामने आना निश्चित ही गंभीर मामला है। ये फर्जी किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत मिलने वाले सालाना 6,000 रुपए लेकर केंद्र सरकार को चपत लगा रहे हैं। ऐसे किसानों को उस ग्राम के ग्रामीण ही नहीं जानते। इन फर्जी किसानों के न तो इस गाँव में कोई मकान है और न ही उनके नाम पर कोई जमीन ही है। ये फर्जी किसान प. बंगाल के बताए गए हैं। श्री शर्मा ने कहा कि इस फर्जीवाड़े से यह आईने की तरह साफ हो गया है कि कांग्रेस की भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ के किसानों का हक मारकर फर्जी लोगों को भुगतान करवाया और छत्तीसगढ़ के लोगों का हक मारा। कांग्रेस की पिछली प्रदेश सरकार ने किसानों के नाम पर खूब पाखंड रचाया, लेकिन उत्तरप्रदेश में जाकर 50-50 लाख रुपए का मुआवजा बाँटने वाली कांग्रेस की सरकार ने छत्तीसगढ़िया किसानों के हित में कभी सोचा ही नहीं।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री शर्मा ने कहा कि अब कांग्रेस की पिछली सरकार के भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ों की तमाम काली करतूतें सामने आ रही हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ छत्तीसगढ़ के किसानों को नहीं मिलने देने के भूपेश सरकार ने तमाम शर्मनाक जतन किए और लाखों किसानों को इसके लाभ से वंचित रखने का साजिशाना उपक्रम किया। श्री शर्मा ने कहा कि अब इस मामले में कार्रवाई के लिए गठित जांच टीम को इन तमाम पहलुओं पर गौर करके छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ हुए अन्याय का परिमार्जन करना चाहिए और इस फर्जीवाड़े के दोषियों को सींखचों के पीछे डालने में जरा भी हिचकिचाहट नहीं दिखाई जानी चाहिए।