जशपुर – अगस्त में होने वाले विश्व आदिवासी दिवस के मद्देनज़र जशपुर जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति समूह ‘पहाड़ी कोरवा’ एवं ‘बिरहोर’ समुदाय के लिए जिला स्तरीय खेल एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिता का आयोजन विकासखंड बगीचा के तहसील सन्ना में सम्पन्न हुआ।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 9 अगस्त 2022 को प्रदेश स्तर पर ‘विश्व आदिवासी दिवस’ मनाने की तैयारी जोर शोर से चल रही है। पूरे प्रदेश के आदिवासी और विशेष रूप से पिछड़ी जनजातीय समूहों के लिए पारंपरिक जनजातीय खेल प्रतियोगिता का राज्य स्तरीय आयोजन किया जाना है।
इसी क्रम में विकास खण्ड बगीचा के सन्ना तहसील में आदिम जाति कल्याण विभाग के तत्वावधान में जिला स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन सम्पन्न हुआ। यह प्रतियोगिता विशेष पिछड़ी जनजातीय समुदाय द्वारा पारंपरिक खेलों में बालक एवं बालिकाओं हेतु 06 वर्ष से 10 वर्ष तक, 10 वर्ष से 14 वर्ष तक, एवं 14 वर्ष से 18 वर्ष आयु वर्ग एवं खुली प्रतियोगिता के अन्तर्गत 18 वर्ष एवं अधिक की महिला एवं पुरूष हेतु विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।
इस वृहद आयोजन में जशपुर जिले के सभी विकास खण्ड में निवासरत एवं विद्यालय, छात्रावास-आश्रमों में अध्ययनरत विशेष पिछड़ी जनजाति समूह ‘‘पहाड़ी कोरवा’’ एवं ‘‘बिरहोर’’ समुदाय के ग्रामीणों एवं छात्र छत्राओं ने अपनी प्रतिभा परम्परागत खेलों में दिखाई।
जिला स्तरीय खेल-कूद प्रतियोगिता में तीरंदाजी , गुलेल , फुगड़ी , सई-धागा दौड़, बोरा दौड़, एवं रस्सा-कस्सी इत्यादि का आयोजन किया गया था।
परंपरागत खेल प्रतियोगिताओं में 06 से 10 वर्ष आयु समूह के बालक हेतु आयोजित खेल गुलेल में फिरोज राम बालक आश्रम ब्लादरपाठ, तीन तंगड़ी दौड़ में योगेष राम एवं छोटू राम एकलव्य घोलेंग से, कब्बड़ी में बालक आश्रम रोकड़ापाठ, इसी प्रकार बालिका हेतु आयोजित फुगड़ी दौड में कु. सूर्यकांन्ती हसदा, कन्या आश्रम बगीचा, सुई-धागा दौड़ में कु. सुनिमा बाई, कन्या आश्रम हर्रापाठ, मटका दौड़ में कु. संगती बाई, बगीचा, तीन तंगड़ी दौड़ में कु. उर्मिला पहाड़िया, कु. संगती बाई, रामकृष्ण आश्रम बगीचा, कबड्डी में कन्या आश्रम मधुपुर की टीम प्रथम स्थान में रही।
10 से 14 वर्ष आयु समूह के बालक हेतु तीरंजदाजी में जतरू राम, बालक आश्रम रजला, गुलेल में अंकित बालक आश्रम रोकड़ापाठ, बोरा दौड़ एवं गेडी दौड़ में अनुज राम एकलव्य घोलेंग, तीन तंगड़ी दौड़ में रामविलास, संतोष राम, एकलव्य घोलेंग, कबड्डी में बालक आश्रम सरबकोम्बो, रस्सा-कस्सी में एकलव्य सुखरापारा इसी प्रकार बालिका हेतु मटका दौड़ में अंजली बाई, एकलव्य सन्ना, फुगड़ी दौड़ में कु. रोषनी बाई एकलव्य ढुढरूडांड़, सुई-धागा और बोरा दौड़ में कु. दुर्गावती, एकलव्य घोलेंग, तीन तंगड़ी दौड़ में कु. सुगन्ती बाई, गीता बाई, एकलव्य सन्ना, कबड्डी और रस्सा-कस्सी में एकलव्य सन्ना की टीम प्रथम स्थान पर रही।
बालक वर्ग 14 से 18 वर्ष हेतु आयोजित प्रतियोगिता में तीरंदाजी में प्रथम सौरभ पहाड़िया रामकृष्ण आश्रम बगीचा, गुलेल में रामकुमार रामकृष्ण आश्रम बगीचा, बोरा दौड़ में शिवकुमार, एकलव्य घोलेंग, गेड़ी दौड़ में तेजकुमार एकलव्य घोलेंग, तीन तंगड़ी दौड़ में अगस्तु राम, देवनाथ राम, रामकृष्ण आश्रम बगीचा, कबड्डी में रामकृष्ण आश्रम बगीचा, प्रथम स्थान में रहे।
खुली प्रतियोगिता में 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग प्रतियोगिता में तीरंदाजी में महेष राम ग्राम-महनई, गुलेल में बेल साय ग्राम मनोरा, कबड्डी में ग्राम-गेड़ई की टीम प्रथम स्थान पर रहे।
विशेष पिछड़ी जनजाति समूह के लिए आयोजित जिला स्तरीय प्रतियोगिता में सफल प्रतिभागियों को दिनाँक 06 से 09 अगस्त, 2022 तक राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में जिले का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने हुनर के प्रदर्शन करने का अवसर प्राप्त होगा।
खेल विद्या के अतिरिक्त जिला स्तर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया इसमें विषेष पिछड़ी जनजाति समूह के पारम्परिक लोक नृत्य एकल एवं सामूहिक लोक गायन एकल एवं सामूहिक का आयोजन किया गया। जिसमें एकल नृत्य में एकलव्य सन्ना ने प्रथम, समूह गान में एकलव्य विद्यालय घोलेंग, समूह नृत्य में रामकृष्ण आश्रम बगीचा के बच्चे प्रथम स्थान पर रहेे।
कार्यक्रम में उपस्थित जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रायमुनी भगत ने बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए लोकगीत गाकर आदिवासी समाज की बहुआयामी संस्कृति से उपस्थित जनसमुदाय एवं विद्यार्थियों को अवगत कराया। उन्होंने वर्तमान परिदृश्य में आदिवासी उत्थान के लिए केन्द्र, राज्य एवं स्थानीय स्व शासन निकायों द्वारा किए जा रहे प्रयासों एवं योजनाओं का लाभ उठाने के लिए जनजातीय परिवारों को आगे आने को कहा।
जनपद पंचायत बगीचा सभापति सुश्री आशिका कुजूर ने विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ खेल एवं सांस्कृतिक विद्याओं में भी निरंतर उत्कृष्ठ प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया। सफलता का मूलमंत्र बताते हुए कहा कि जीवन में कोई व्यक्ति या ज़मीन जायदाद साथ रहे ना रहे लेकिन शिक्षा ही एकमात्र धन है जो जीवन भर मनुष्य का व्यक्तिगत धन होता है इसलिए चाहे कितनी भी रुकावटें आये विद्यार्थीगण शिक्षा को पहली प्राथमिकता दें।
आदिवासी विकास विभाग के उपायुक्त श्री बी.के. राजपूत ने कार्यक्रम में उपस्थित विद्यार्थियों एवं उपस्थित जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह आयोजन शासन का विलुप्त होती जनजातीय खेल विधाओ को पुनर्जीवित एवम संरक्षित करने का प्रयास है और ऐसे अवसर पर सम्पन्न हो रहा है जब देश के प्रथम नागरिक के रूप में, आदिवासी समाज से श्रीमती द्रौपदी मुर्मू भारत गणराज्य की राष्ट्रपति निर्वाचित हुई है। उनकी जीवन यात्रा में उतार-चढ़ाव के बावजूद आदिवासी समाज से होते हुए, शिक्षक , विधायक, राज्यपाल और उसके उपरान्त राष्ट्रपति के पद पर आसीन होना निश्चित ही उनकी प्रतिभा और योग्यता का सम्मान है। आदिवासी वर्ग के विद्यार्थी एवं युवाओं को उनके व्यक्तित्व से प्रेरणा लेकर, शासन द्वारा उनके उद्धार और विकास के लिए चलाई गई योजनाओं का पूरा लाभ उठाना चाहिए, और समाज की मुख्य धारा में स्वयं को स्थापित कर शासन और प्रशासन में अपनी जगह बनाने का प्रयास करना चाहिए।
उपरोक्त कार्यक्रम में आदिवासी विकास विभाग उपायुक्त श्री बी.के. राजपूत, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रायमुनी भगत, जनपद पंचायत बगीचा की सभापति सुश्री आशिका कुजूर, जनपद सभापति श्रीमती रोजालिया तिर्की, पहाड़ी कोरवा समाज के अध्यक्ष श्री मनकुवंर राम, बिरहोर समाज के अध्यक्ष जगेश्वर राम, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बगीचा श्री विनोद सिंह एवं आदिवासी विकास विभाग के अधिकारी, कर्मचारी, जिले में संचालित सभी एकलव्य विद्यालयों के शिक्षकगण, कर्मचारी एवं विद्यार्थी, क्रीड़ा परिसर एवं एकलव्य विद्यालय के खेल अनुदेषक,छात्रावास-आश्रम के अधीक्षक, अधीक्षिका एवं विधार्थीगण, रामकृष्ण आश्रम बगीचा के शिक्षकगण एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।