आम आदमी पार्टी ने चिंता जताते हुए कहा कि 25जुलाई22 से आज तक पूरे प्रदेश में सभी सरकारी संस्थान में कामकाज पूरी तरह ठप रहा । भूपेश बघेल की सरकार को कर्मचारियों की सुध लेने की भी नही सूझ रही है। जन साधारण के कामकाज भी पूरी तरह प्रभावित हो रहे है।लोग भटकते रहे दफ्तरों में कोई सुध लेने वाला नही है।
महंगाई भत्ता व गृह भाड़ा में वृद्धि की मांग को लेकर प्रदेश के सरकारी कर्मचारी आज सड़कों पर उतरे है. वहीं दफ्तरों में सन्नाटा पसरा रहा. कई दफ्तरों में तो ताले लगे रहे और लोग भटकते देखे गए. छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी – फेडरेशन ने उक्त दो सूत्रीय मांग को लेकर 25 से 29 जुलाई तक हड़ताल कर दी है। जिला मुख्यालयों में कर्मचारियों ने धरना दिया. राजधानी रायपुर के बूढ़ापारा में बड़ी संख्या में कर्मचारी धरने पर बैठे और अपनी मांगों को लेकर सरकार पर बरसे भी लेकिन सरकार के कान पर जूं नहीं रेंगी। हड़ताल से बेखबर लोग अपने काम से सरकारी दफ्तर पहुंचे तो उन्हें निराशा हाथ लगी।कलेक्टोरेट, तहसील सहित कई दफ्तरों में लोगों की आवाजाही रही, जहां हड़ताल के कारण कामकाज ठप रहा।
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने पांच दिवसीय हड़ताल के अंतिम दिन राजधानी रायपुर में रैली निकालने का फैसला लिया है. बताया गया है कि रैली में पूरे प्रदेश से शिक्षक रायपुर पहुंच रहे है जिससे रैली प्रदेश स्तरीय होगी.
वहीं कई कार्यालयों के ताले तक नहीं खुले. महंगाई भत्ता व गृह भाड़ा में वृद्धि की मांग को लेकर कुछ कर्मचारी संगठनों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर दिया है।
आम आदमी पार्टी के विजय कुमार झा ने हड़ताल को समर्थन देते हुए कहा कि एक देश, एक कानून, एक संविधान, एक बाजार, एक महंगाई भत्ते की दर की बात की जाती है. एक राज्य में महंगाई भत्ता व गृह भाड़ा भी एक समान होना चाहिए. महंगाई भत्ता व गृह भाड़ा सातवें वेतनमान के अनुरूप मिलना चाहिए. फेडरेशन ने दावा किया है कि इंद्रावती भवन में भी हड़ताल से कामकाज ठप है।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने आज कहा कि ये कैसी भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार है जो जनता के वोट से सरकार बनाती है और उन्हें बदहाल और प्रदेश में काम करने वाले कर्मचारियों को लाचार और परेशान छोड़कर खुद अपना वेतन मान में लगभग 40% को बढ़ोतरी और सुविधाओ में मनमानी वृद्धि कर रही है। आज राज्य शासन के कर्मचारी अपनी छोटी सी बढ़ोतरी के लिए हड़ताल कर रहे लेकिन सरकार सुनने को तैयार नहीं है।
राज्य के विधायकों, विधानसभा अध्यक्ष मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, उपाध्यक्ष और मंत्रियों का वेतन बढ़ाने का फैसला किया है। प्रदेश के विधायकों को अब वेतन और सभी भन्ते मिलाकर हर महीने एक लाख 60 हजार रुपये मिलेगा। इस वृद्धि के साथ ही विधायकों को सबसे ज्यादा वेतन देने वाले राज्यों की सूची में छत्तीसगढ़ शीर्ष वेतन पांच राज्यों में पहुंच गया है।
भत्ता का लाभ अध्यक्ष, मुख्यमंत्री उपाध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और मंत्रियों को
भी मिलेगा। इस संबंध में संशोधन संबंधित संशोधन विधेयक पास हुए कि यह वृद्धि जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा करीब छह वर्ष पहले वर्ष 2016 में व मंत्रियों के वेतन भत्ता में वृद्धि की गई थी।
दैनिक भत्ता इसके अतिरिक्त रहेगा इसका अलग विधेयक प्रस्तुत किया गया है।
सत्र व समितियों की बैठक के दौरान प्रतिदिन एक हजार रुपये दैनिक भत्ता अतिरिक्त।
प्रतिपक्ष और मंत्रियों के वेतन के साथ ही दैनिक भत्ता और निर्वाचन क्षेत्र भत्ता में कई गुना ज्यादा होता है।सत्र व समितियों की बैठक में स्वयं के वाहन से आने वालों को 10 रुपये प्रति किलो मीटर। एक वर्ष में आठ लाख रुपये तक हवाई और रेल यात्रा की सुविधा का प्रस्ताव मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रखा। सदन ने इस संबंध में प्रस्तुत चारों संशोधन विधेयकों को बिना चर्चा के ही सर्वसम्मति से भाजपा,जोगी कांग्रेस और बसपा के विधायकों ने पारित कर दिया।
दैनिक भत्ता और चिकित्सा भत्ता भी बढ़ा है।
सुविधा में प्रति वर्ष चार लाख रुपये तक हवाई और रेल यात्रा मुफ्त।
आम आदमी पार्टी फिर सरकार से पूछना चाहती है कि क्या ये रेवड़ी बाटना नही हुआ। प्रदेश सरकार को जनता चुनती है लेकिन इनके वेतनमान आदि मनमाने तरीके से बढ़ाने की शक्ति भी इन्हे ही है और जनता की सुध लेने की और कर्मचारियों को महंगाई भत्ता आदि की कोई सुध लेने का विचार नही है। तानाशाही आदेश पारित कर कर्मचारियों की इन हड़ताली दिनों का वेतन काटने की बात कर रही है जो बहुत ही दुर्भाग्य पूर्ण है।
प्रदेश सहसंयोजक सूरज उपाध्याय ने अंत में कहा कि छत्तीसगढ़ की भोली भाली जनता इन माननीयो को क्या इसलिए चुनती है की सिर्फ भ्रष्टाचार करते हुए जनता के पैसे की लूट करे? और मनमाने ढंग से अपना वेतनमान भी अपनी इच्छा अनुसार बढ़ा ले और तमाम प्रकार की सुख सुविधाएं का भी उपभोग कर लेवें।
वाह वाह! ही कह सकती है जनता भी और आम आदमी पार्टी भी। आने वाले समय जनता की आवाज बुलंद कर इन सभी मुद्दों पर आम जन से राय लेकर पंजाब सरकार की तरह छत्तीसगढ़ में भी फैसले लिए जायेंगे।जनता अपने वोट की ताकत 2023 में बीजेपी और कांग्रेस दोनो को बताएगी और आम आदमी पार्टी की सरकार बना कर ही दम लेगी।