बच्चो का भविष्य किताबें कबाड़ में मिलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
विकास उपाध्याय ने बताया कि कुछ दिन पहले हमने एक किताब गलाने वाली फैक्ट्री में किताबों का पहाड़ देखा था।
किताबों को रद्दी बना दिया गया। उन्ही किताबों को रद्दी के भाव में स्कूल शिक्षा विभाग ने बेच दिया था।
आज सूचना मिलने पर हमने अभनपुर विकास खंड के स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में पहुंचे तो हमने देखा की यहां बच्चों को किताबें बांटने के बजाय उसे गोदाम में रखकर खराब किया जा रहा है और बाद में इन्ही किताबों को रद्दी में कौड़ियों के दाम पर बेच दिया जाएगा।
बच्चो के भविष्य को सावरने वाली इन किताबों को बच्चो को ना देकर रद्दी बनाया जा रहा है और उसे कौड़ियों के दामो में बेचा जा रहा है। पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने आगे बताते हुये कहा कि इससे कुछ दिनों पहले भी हमने एक पेपर मिल में इसी सत्र की बच्चो की किताबो के पहाड़ जैसे ढेर को पकड़ा था। पेपर मिल में हमने देखा था कि इसी सत्र की लाखों-करोड़ों रुपयों की सैकड़ो टन किताबों का पहाड़ जैसा ढेर लगा था जो किताबें बच्चों के स्कूल बैग में उनकी पढ़ाई के लिये जानी थी वो रद्दी में पड़ी हुई थी। भाजपा की सरकार में आज बच्चो के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। पूर्व की कांग्रेस की भूपेश सरकार सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के स्कूली बच्चों को फ़्री में मिलने वाली किताबों को वर्तमान साय सरकार रद्दी करके बेचने का काम रही है। आपको बता दे कि ये वो किताबें हैं जो स्कूली बच्चों को पढ़ाई के लिए छपवाई गई थीं। भाजपा सरकार और अधिकारियों के भ्रष्टाचार और लापरवाही की बदौलत बच्चों को बांटी ही नहीं गईं और रद्दी के भाव बेची जा रही है। बच्चों को बेहतर शिक्षा देना सरकार की जिम्मेदारी है, जिसके लिए सरकार स्कूल बनवाती है, पूर्व मे कांग्रेस सरकार की मंशा के अनुरूप बच्चों को कॉपी-किताबें, पेन-पेंसिल, स्कूल यूनिफॉर्म जैसी चीजें मुफ्त वितरण किया जाता था ताकि शिक्षा के लिये उन्हें कोई तकलीफ़ ना हो।
आम आदमी के गाढ़ी कमाई द्वारा पटाये गए टैक्स के पैसो का राज्य की भाजपा सरकार लगातार दुरूपयोग कर रही है जो बेहद निंदनीय है ।आज छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार सिर से लेकर पांव तक भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। इस सरकार को न बच्चों के भविष्य की चिंता है और न जनता के पैसों की परवाह, इनकी मंशा बस भ्रष्टाचार करके पैसा कमाना है।