अंतर्राष्ट्रीय मानव-अधिकार दिवस पर भारतीय ह्यूमन राइट्स की जिला उपाध्यक्ष श्रीमती गजलक्ष्मी रामजु के निवास पर बैठक उनके द्वारा रखी गई मुख्य अतिथि प्रदेश प्रवक्ता अंतर्राष्ट्रीय मानव-अधिकार परिषद श्री मुकेश वर्मा थे विशेष अतिथि उत्तम कुमार प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय सूचना अधिकार मानव अधिकार एवं पर्यावरण संगठन थे अध्यक्षता भारतीय ह्यूमन राइट्स काउंसिल कनवेयर अजय राज पाल ने की उपाध्यक्ष गजलक्ष्मी रामजु ने अपने विचार रखते हुए कहा कि 10 दिसंबर1948 को मानव-अधिकार का नियम लागू किया गया मानव-अधिकार दिवस का महत्व तब होगा जब हम मानव अधिकारों की रक्षा के लिए अपने सभी कर्तव्यों का निर्वाह करें और बिना भेदभाव के मानव-अधिकार के प्रति जनता के बीच जाकर उनके अधिकारों के लिए उन्हे जागरूक करें और मानव अधिकारों के नियमों के बारे में उन्हें बतायें उत्तम कुमार ने अपने विचारों में कहा कि आज कई ऐसी घटना सामने आती है जिससे भारत में मानव-अधिकार पर सच पैदा होने जैसी स्थति पैदा हो रही है आज वर्तमान में मानवीय संवेदनाओं को दरकिनार कर एक दूसरे के मौलिक अधिकारों का हनन कर रहें हैं अजय राज पाल ने अपने विचार रखते हुए कहा मानव-अधिकार उल्लंघनों से समाज के कमजोर तबके के लोग आज भी समान रूप से पीड़ित हैं संयुक्त राष्ट्र संघ को सार्थक प्रयास कर मानव-अधिकार कानून को सम्भल बनाकर कड़ायी से लागू करना चाहिए प्रदेश प्रवक्ता मुकेश वर्मा ने अपने उदबोधन में मानव-अधिकार में उल्लंघन पर चिंता जताते हुए कहा कि भारत देश में मानव-अधिकारियों के नियमों का उल्लंघन गम्भीर चिंता का विषय है आज नक्सलवाद आतंकवाद भूर्णहत्या महिलाओं पर अत्याचार उनका शोषण शिक्षा स्वास्थय से खिलवाड़ देश में तेजी से पनप रहा है इनपर अंकुश लगाना अति आवश्यक है धर्म जाति भाषा आर्थिक स्थति के आधार पर भेदभाव आज भी जारी है सम्पूर्ण राष्ट्रों को एक साथ अम्ल में मानव-अधिकार कानून को मजबूत करना चाहिए अन्यथा वोह दिन दूर नहीं जब भारत देश में मानव-अधिकार का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा