रायपुर। हाल ही में ममता सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में एक व्यक्ति द्वारा फर्जी डॉक्टर बनकर मरीजों का इलाज करने के आरोपों को लेकर उठे विवाद पर अस्पताल प्रशासन ने सफाई दी है। अस्पताल के डायरेक्टर, सुनील रामनानी ने मीडिया को बताया कि शोएब अखाई अस्पताल में सिर्फ पेशेंट कोऑर्डिनेटर के रूप में काम करता था और उसका डॉक्टर के रूप में कोई रोल नहीं है।
डॉ. रामनानी ने कहा, “हमारे अस्पताल में सभी डॉक्टरों के पास वैध डिग्री और लाइसेंस हैं। शोएब अखाई ने रशिया से एमबीबीएस किया है। वह सिर्फ अस्पताल में पेशेंट कोऑर्डिनेटर का काम करता था।”
उन्होंने आगे कहा कि मीडिया में आई तस्वीरें और वीडियो तथ्य हीन हैं। अस्पताल प्रबंधन ने शोएब अखाई को कभी भी मरीजों का इलाज करने की अनुमति नहीं दी गई है। अस्पताल प्रशासन ने इस मामले की जांच के लिए एक आंतरिक समिति का गठन किया है।
एक मरीज द्वारा अस्पताल के खिलाफ लगाए गए आरोपों को भी अस्पताल प्रशासन ने खारिज किया है। रामनानी ने कहा कि मरीज का आरोप पूरी तरह से आधारहीन है। अस्पताल में सभी मरीजों को योग्य डॉक्टरों द्वारा ही इलाज किया जाता है।
अस्पताल की प्रतिष्ठा धूमिल करने की साजिश
अस्पताल प्रशासन का मानना है कि यह पूरी घटना अस्पताल की प्रतिष्ठा धूमिल करने की एक साजिश है। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में कानूनी कार्रवाई करने पर विचार कर रहे हैं।
अस्पताल प्रशासन ने मीडिया रिपोर्टों पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि मीडिया ने बिना किसी जांच के ही इस मामले को हाइलाइट किया है।
ममता सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ने मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया है और कहा है कि शोएब अखाई ने सिर्फ एक पेशेंट कोऑर्डिनेटर रूप में कार्य किया है। अस्पताल प्रशासन इस मामले में न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहा है।
आपको बता दें कि रामनानी परिवार पिछले कई वर्षों से डॉक्टरी पेशे से जुड़ा हुआ है और उन्होंने हमेशा मरीजों की सेवा को सर्वोपरि रखा है। बताया जा रहा है कई बार मरीजों को पैसों की कमी के कारण इलाज नहीं मिल पाता है, ऐसे में अस्पताल प्रबंधन ने कई मरीजों का मुफ्त इलाज भी किया है।” रामनानी परिवार की इस सेवाभाव के कारण अस्पताल ने मरीजों का विश्वास जीता है। कई मरीजों ने अस्पताल प्रशासन की तारीफ करते हुए कहा कि उन्हें यहां हमेशा अच्छा इलाज मिला है।