आजकल हाई कोलेस्ट्रॉल का नाम सुनते ही लोग घबरा जाते हैं, और इसकी वजह भी साफ है। हाई कोलेस्ट्रॉल आज हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसे गंभीर समस्याओं का बड़ा कारण बन रहा है। इससे बचने के लिए सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि कोलेस्ट्रॉल कितने प्रकार का होता है और यह शरीर पर कैसे असर डालता है।
कोलेस्ट्रॉल के प्रकार
हमारे शरीर में दो प्रकार के कोलेस्ट्रॉल होते हैं:
- गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL) – इसे हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन कहा जाता है। यह हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होता है और धमनियों में जमी वसा को हटाने में मदद करता है।
- बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) – इसे लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन कहा जाता है। इसका स्तर बढ़ने पर यह धमनियों में जमने लगता है और रक्त प्रवाह को बाधित करता है।
इसके अलावा, ब्लड में ट्राइग्लिसराइड्स की मात्रा का सामान्य होना भी जरूरी है, क्योंकि इसका असंतुलन भी कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है।
कोलेस्ट्रॉल क्या है और यह कैसे बढ़ता है?
कोलेस्ट्रॉल खून में पाया जाने वाला एक चिपचिपा, मोम जैसा पदार्थ है। जब इसका स्तर बढ़ता है, तो यह धमनियों में जमने लगता है, जिससे धमनियां संकरी हो जाती हैं। इससे रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है, जिससे हार्ट और ब्रेन तक ऑक्सीजन युक्त खून नहीं पहुंच पाता। यही कारण है कि हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण:
- अनियमित खान-पान – जंक फूड और ज्यादा वसा वाले भोजन का सेवन।
- अनहेल्दी लाइफस्टाइल – शारीरिक गतिविधियों की कमी।
- अन्य कारण – धूम्रपान, शराब का सेवन और मोटापा।
कोलेस्ट्रॉल की नॉर्मल और हाई रेंज
डॉक्टरों के अनुसार, कोलेस्ट्रॉल की सामान्य और खतरनाक रेंज निम्नलिखित है:
बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL):
- 100 mg/dL से कम – नॉर्मल
- 130 mg/dL या ज्यादा – बॉर्डरलाइन
- 160 mg/dL से ऊपर – खतरनाक
गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL):
- 60 mg/dL या उससे ज्यादा – नॉर्मल
- 40 mg/dL से कम – लो (हार्ट हेल्थ पर असर डाल सकता है)
टोटल कोलेस्ट्रॉल (HDL + LDL):
- 200 mg/dL या कम – नॉर्मल
- 240 mg/dL तक – बॉर्डरलाइन
- 240 mg/dL से ज्यादा – खतरनाक
ट्राइग्लिसराइड्स:
- 150 mg/dL से कम – नॉर्मल
- 150 mg/dL से ज्यादा – खतरनाक
हाई कोलेस्ट्रॉल के खतरे
यदि शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल 190 mg/dL से ऊपर हो, तो यह डेंजर ज़ोन में आता है। ऐसे में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
- टोटल कोलेस्ट्रॉल 240 mg/dL से ऊपर हो तो यह स्थिति अलार्मिंग है।
- ट्राइग्लिसराइड्स 150 mg/dL से ज्यादा होने पर भी हार्ट पर बुरा असर पड़ सकता है।
क्या करें?
यदि आपका कोलेस्ट्रॉल स्तर खतरनाक सीमा पर है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर जांच और जीवनशैली में सुधार के जरिए इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।
सावधानी और समाधान:
- स्वस्थ आहार – फाइबर युक्त और लो-फैट डाइट अपनाएं।
- व्यायाम – नियमित शारीरिक गतिविधियां करें।
- धूम्रपान और शराब से बचें।
- नियमित जांच – समय-समय पर कोलेस्ट्रॉल की जांच कराएं।
अपने कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखकर न केवल आप हार्ट अटैक और स्ट्रोक से बच सकते हैं, बल्कि एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।