बरेली – ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने साधु-संतों द्वारा सनातन बोर्ड बनाने की मांग का समर्थन किया है। मौलाना ने कहा कि भारत सरकार को वक्फ बोर्ड की तर्ज पर सनातन बोर्ड का गठन करना चाहिए। गौरतलब है कि इस मांग की शुरुआत मथुरा के देवकीनंदन ठाकुर ने की थी।
सनातन बोर्ड के गठन की प्रक्रिया पर सुझाव
मौलाना शहाबुद्दीन ने सरकार को सुझाव दिया कि जैसे वक्फ बोर्डों के लिए उच्चस्तरीय राष्ट्रीय वक्फ काउंसिल और राज्य स्तरीय वक्फ बोर्ड बनाए गए हैं, उसी तरह सनातन बोर्ड का गठन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह बोर्ड गरीब, कमजोर और वंचित हिंदुओं की आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक स्थिति को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा सकता है।
‘देश के लिए बड़ा कदम होगा सनातन बोर्ड’
मौलाना ने सनातन बोर्ड के गठन को देश के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि जब वक्फ बोर्ड बनाया गया था, तो इसका उद्देश्य गरीब, लाचार और जरूरतमंद लोगों की मदद करना था। हालांकि, वक्फ बोर्ड के जिम्मेदार इस उद्देश्य को पूरी तरह पूरा नहीं कर सके। इसलिए, एक प्रभावी और ईमानदार तरीके से काम करने वाला सनातन बोर्ड देश के हित में होगा।
‘अखिलेश यादव के बयान पर आपत्ति’
मौलाना शहाबुद्दीन ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के PDA फॉर्मूले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अखिलेश ने अपने राजनीतिक एजेंडा PDA को भगवान का दर्जा देकर गलत किया है। भगवान की तुलना किसी व्यक्ति या राजनीतिक एजेंडे से नहीं की जा सकती। उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश कुम्भ मेले के बहाने सनातन धर्म का अपमान कर रहे हैं।
मौलाना का यह बयान राजनीतिक और धार्मिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। उनका सुझाव और समर्थन इस दिशा में एक नई बहस को जन्म दे सकता है।