नेचुरोपैथी में छिपा है थायराइड से लेकर डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों का निदान, बाबा रामदेव से जानें इसके फायदे

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आजकल के बच्चे मिट्टी और मैदान में खेलने की बजाय मोबाइल, लैपटॉप और वीडियो गेम्स जैसे गैजेट्स के साथ समय बिताना ज्यादा पसंद करते हैं। यही नहीं, कई पेरेंट्स भी सफाई और हाइजीन के नाम पर बच्चों को इतना प्रतिबंधित कर देते हैं कि वे मिट्टी में खेलने या बिना जूते-चप्पल के जमीन पर चलने की इजाजत भी नहीं देते।

हालांकि, मिट्टी में खेलने के फायदे इतने अधिक हैं कि गिनते-गिनते थक जाएंगे। इससे न केवल बच्चों की क्रिएटिविटी और सेंसरी डेवलपमेंट बढ़ती है, बल्कि उनकी इम्यूनिटी भी मजबूत होती है और नर्वस सिस्टम बेहतर होता है। आयुर्वेद के अनुसार, हमारा शरीर पंचतत्वों—मिट्टी, पानी, अग्नि, हवा और आकाश—से बना है। हजारों साल पुरानी भारतीय चिकित्सा पद्धति में मिट्टी चिकित्सा, सूर्य चिकित्सा और रश्मि चिकित्सा जैसे प्राकृतिक उपचारों का इस्तेमाल किया जाता रहा है।


विदेश समझ रहे हैं, लेकिन हम क्यों नहीं?

जहां भारतीय समाज अपनी पुरानी विरासत को नजरअंदाज कर रहा है, वहीं विदेशी देशों में इसका महत्व समझा जा रहा है। उदाहरण के लिए, डेनमार्क में बच्चों को मिट्टी में खेलने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। यूरोपीय देशों में लोग मड थेरेपी की ताकत को समझ रहे हैं और इसे अपनाने लगे हैं।


भारत में प्राकृतिक चिकित्सा की विरासत

भारत में नेचुरोपैथी हजारों सालों से प्रचलित रही है। यह जीवन को प्राकृतिक तरीके से जीने और बिना दवाओं के रोगों के इलाज की कला है। महात्मा गांधी ने भी नेचुरोपैथी को अपनाया और इसे लोकप्रिय बनाया।

नेचुरोपैथी के प्रमुख तत्व

  1. क्षिति (मिट्टी): शरीर के टॉक्सिन को दूर करने और नर्व्स को आराम देने में मददगार।
  2. जल (पानी): शरीर की अंदरूनी सफाई और रोगों के इलाज के लिए।
  3. पावक (अग्नि): सूर्य की किरणों से स्वास्थ्य लाभ।
  4. गगन (खाली जगह): मानसिक और शारीरिक संतुलन।
  5. समीर (हवा): ताजगी और ऊर्जावान महसूस कराने के लिए।

नेचुरोपैथी के तरीके और लाभ

1. जल चिकित्सा

  • शरीर की गहराई से सफाई और पाचन सुधारने के लिए।

2. सूर्य चिकित्सा

  • सूरज की किरणों से विटामिन डी और रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार।

3. वायु चिकित्सा

  • शुद्ध हवा से मानसिक शांति और बेहतर ऑक्सीजन स्तर।

4. मिट्टी चिकित्सा (मड थेरेपी)

  • कैसे करें:
    • 6-8 फीट गहराई की साफ मिट्टी लें।
    • इसे 12-14 घंटे धूप में सुखाएं।
    • पत्थर या गंदगी निकालकर कीचड़ बनाएं।
    • पूरे शरीर पर लेप लगाएं।
  • लाभ:
    • शरीर की नर्व्स को आराम मिलता है।
    • त्वचा से टॉक्सिन निकलते हैं।
    • पेट पर लगाने से कब्ज में राहत।

5. एक्यूप्रेशर और योग-व्रत

  • शरीर के दबाव बिंदुओं को एक्टिवेट कर रोगों का इलाज।

नेचुरोपैथी से सामान्य बीमारियों का इलाज

सर्दी-बुखार

  • आराम करें।
  • नींबू पानी और लिक्विड डाइट लें।

जोड़ों का दर्द

  • सरसों के तेल से मालिश करें।
  • गर्म और ठंडे पानी से सिकाई करें।

चेस्ट इंफेक्शन

  • कुंजल क्रिया: बलगम बाहर निकालने के लिए।
  • चेस्ट पर गुनगुने तेल से मालिश करें।
  • गुनगुने पानी से हाथ-पैर धोएं।

स्वामी रामदेव का योगदान

योगगुरु स्वामी रामदेव ने नेचुरोपैथी को एक नया आयाम दिया है। प्रयागराज के महाकुंभ में वे अगले तीन दिनों तक योग और प्राकृतिक चिकित्सा के जरिए लाइफस्टाइल डिजीज जैसे शुगर, बीपी, थायराइड, मोटापा और पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने के उपाय बताएंगे।


निष्कर्ष:
नेचुरोपैथी हमारी हजारों साल पुरानी विरासत है, जिसमें प्राकृतिक तरीकों से 100 से ज्यादा बीमारियों का इलाज संभव है। इसे अपनाकर हम न केवल खुद को स्वस्थ रख सकते हैं बल्कि जीवन को संतुलित और खुशहाल बना सकते हैं।

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