कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव में कैट सी.जी. चैप्टर के प्रदेश कार्यालय में एक शाम शहीदो के नाम देशभक्ति गीत कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम में कैट सी.जी. चैप्टर के पदाधिकारियो एवं व्यापारियो ने देशभक्ति गीत गाया।
सर्वप्रथम कैट के कार्यकारी अध्यक्ष श्री विक्रम सिंहदेव ने कार्यक्रम में उपस्थित कैट के पदाधिकारियों एवं व्यापारियों का स्वागत किया तथा कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
कैट सी.जी. चैप्टर के प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी एवं प्रदेश कार्यकारी महामंत्री श्री भरत जैन ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव में कैट सी.जी. चैप्टर के प्रदेश कार्यालय में एक शाम शहीदो के नाम देशभक्ति गीत कार्यक्रम हुआ। उन्होनें आगे कहा कि कार्यक्रम में श्री विक्रम सिंहदेव, श्री परमानन्द जैन, श्री वासु माखीजा, श्री विजय शर्मा, श्री राकेश ओचवानी, श्री सुरेश भंसाली, श्री भरत माखीजा एवं श्री प्रकाश कोटक ने मेरे धरती सोना उगले उगले हीरे मोती, ये मेरे वतन के लोगों जरा ऑख में भर लो पानी, यह देश है वीर जवानों का इस देश का यारो, अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों सहित अनेक देशभक्ति गीत गाया। आजादी के अमृत महोत्सव में देश के नागरिकों के रोम-रोम देशभक्ति का संचार हुआ। कैट सी.जी. चैप्टर सभी उपस्थित पदाधिकारियों एवं व्यापारियो को आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हर घर तिरंगा हर दुकान तिरंगा के तहत अपने-अपने घरो एवं दुकानों में 13-15 अगस्त तक तिरंगा लगाने की अपील की।
कार्यक्रम के अंत मे कैट सी.जी. चैप्टर के कार्यकारी अध्यक्ष श्री परमानन्द जैन एवं श्री वासु माखीजा ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी पदाधिकारियों एवं व्यापारियों का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में कैट के पदाधिकारी एवं व्यापारी मुख्य रूप उपस्थित रहे :- जितेन्द्र दोशी, विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वासु माखीजा, भरत जैन, विजय शर्मा, राकेश ओचवानी, सुनील धुप्पड़, नरेश कुमार पाटनी, महेश खिलोसिया, भरत माखीजा, महेन्द्र बागरोड़िया, सुरेश भंसाली, प्रकाश कोटक, रवि जयसवाल एवं पदम गंगवाल सहित अनेक व्यापारीगण।