*आयोग की समझाइश पर आवेदिका के लोन की राशि 1 लाख रुपये का चेक देने अनावेदक हुआ तैयार*
*पत्नी को हुआ शक, दूसरी औरत के साथ पति के है अवैध सम्बंध-आयोग की समझाइश पर एक साथ रहने हुए तैयार*
रायपुर महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्यगण डॉ अनीता रावटे, श्रीमती अर्चना उपाध्याय ने आज शास्त्री चौक स्थित राज्य महिला आयोग कार्यालय में महिलाओं से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए सुनवाई की।
आज एक अन्य प्रकरण में आयोग की पिछली सुनवाई में आवेदिका के नाम से 1 लाख रुपये लिया था जिसका लोन आवेदिका चुका रही है। जिसे वापस करना आयोग के समक्ष अनावेदक ने स्वीकार किया था। जो आज दिनांक तक आवेदिका के 1 लाख रुपये को नही दिया है और बहानेबाजी कर रहा है। इस स्तर पर आयोग द्वारा समझाइश दिए जाने पर अनावेदक कल दिनांक को 1 लाख रुपये का चेक देगा जिसे 15 दिवस के भीतर आवेदिका आहरित कर सकेगी। इसके पश्चात दोनक पति पत्नी आपसी समझौते से तलाक की प्रक्रिया प्रारंभ करेंगे आयोग की ओर से एक काउंसलर इनकी सहायता करेंगी। साथ ही अनावेदक आवेदिका को भरण पोषण की राशि 10 लाख रुपये 3 किश्तों में देगा। यदि अनावेदक द्वारा आयोग के इस निर्देश का अवहेलना करता है तो आवेदिका चाहे तो अनावेदक के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज करा सकती है। इस प्रकरण को आगामी सुनवाई में रखा गया है।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अनावेदक के विरुद्ध 3 लाख रुपये की धोखाधड़ी की शिकायत की है। जिसमे अनावेदक 5 सुनवाई में अनुपस्थित रहे हैं आज आयोग ने आवेदिका को समझाइश देते हुए कहा कि अनावेदक के विरुद्ध चाहे तो वह पुलिस थाना में धोखाधड़ी का आपराधिक मामला दर्ज कर सकती है। जिसपर आवेदिका ने अनावेदक के विरूद्ध कार्यवाही करने की बात कही कार्यवाही करने के बाद आवेदिका द्वारा आयोग को सूचना देने पर इस प्रकरण का निराकरण किया जा सकेगा।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अपने पति का दूसरी औरत के साथ अवैध संबंध होने की शिकायत आयोग में की जिस पर दोनों पक्षों को विस्तार से सुना गया। अनावेदिका दूसरी औरत ने आयोग को बताया कि आवेदिका के पति के साथ किसी भी प्रकार का संबंध नहीं है। अनावेदक पति का कथन है कि आवेदिका पत्नी को शक करने की बीमारी है और आवेदिका बिना मतलब के लड़ाई-झगड़ा करती रहती है और बिना गलती के हमें बदनाम कर रही है। आवेदिका को पति और दूसरी औरत पर काफी संदेह है क्योंकि दोनों आसपास रहते है और पति अनावेदिका की मदद करने आता जाता रहता है। अनावेदकगणों को समझाइश दिया गया जिस पर दोनों अनावेदकगणों ने लिखित सहमति नामा देने तैयार हुये कि भविष्य में दोनों आपस में सम्पर्क, संबंध और वार्तालाप नहीं रखेंगे जिससे आवेदिका को किसी भी तरह की समस्या हो। चूंकि आवेदिका के साथ उनके 3 संतान है आयोग द्वारा आवेदिका को समझाइश दिया कि आपसी समझौता के साथ बच्चों का पालन-पोषण करें। उभय पक्षों को कल शपथ पत्र के साथ आपसी समझौता नामा बनाया जायेगा जिससे इस प्रकरण का निराकरण किया जा सके।