रायपुर। शहर में नगर निगम और जिला प्रशासन की लापरवाही एक बार फिर गंभीर हादसे का कारण बन गई। रामनगर स्थित गुलमोहर पार्क गेट के सामने मंगलवार को चार मासूम बच्चे सड़क किनारे नगर निगम द्वारा खोदे गए खुले गड्ढे में गिर गए। इस हृदयविदारक घटना में एक बच्चे की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि अन्य तीन बच्चों को स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
अधूरे कार्य, अधूरी जिम्मेदारी
बताया जा रहा है कि नगर निगम द्वारा क्षेत्र में पाइपलाइन और अन्य मरम्मत कार्य के लिए गड्ढा खोदा गया था, लेकिन काम अधूरा छोड़कर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए गए। न तो गड्ढे के चारों ओर बैरिकेड्स लगाए गए थे, न ही कोई चेतावनी संकेत मौजूद था। यही लापरवाही मासूम की जान की कीमत बन गई।
स्थानीय लोगों का फूटा गुस्सा
घटना के बाद पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैल गया। बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों ने नगर निगम के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि प्रशासन की यह घोर लापरवाही बर्दाश्त के बाहर है। उन्होंने मांग की कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो और ऐसे हादसों को रोकने के लिए स्थायी समाधान सुनिश्चित किया जाए।
प्रशासन पर उठे सवाल
नागरिकों ने सवाल उठाया कि आखिर कब तक इस तरह की लापरवाहियों की कीमत आम लोगों को अपने बच्चों की जान देकर चुकानी पड़ेगी। बिना किसी चेतावनी या सुरक्षा व्यवस्था के खोदे गए गड्ढे न सिर्फ गैरकानूनी हैं, बल्कि यह दर्शाते हैं कि नगर निगम के पास जन सुरक्षा के लिए कोई गंभीर सोच नहीं है।
न्याय और जवाबदेही की मांग
लोगों ने मृतक बच्चे के परिजनों के लिए मुआवजे और निगम अधिकारियों पर आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है। फिलहाल क्षेत्र में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है, और नागरिकों की निगाहें प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।
यह हादसा सिर्फ एक बच्चे की जान नहीं ले गया, बल्कि पूरे तंत्र की संवेदनहीनता और गैरजिम्मेदारी को भी उजागर कर गया।