रतनपुर स्थित सिद्धि विनायक मंदिर में प्रदेश के सैकड़ो संत उपस्थित हुआ जिसमें प्रदेश अध्यक्ष एवं सचिव पद का चुनाव हुआ। जिसमें सर्व सहमति से बर्फानी आश्रम के महंत लक्ष्मण दास जी महाराज को संत समाज का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। महंत राकेश महाराज उपाध्यक्ष, महंत राधेश्याम महाराज को सचिव एवं स्वामी राजेश्वरानंद सहसचिव पद से मनोनीत किया गया।
साथ ही धर्म संसद आयोजक पंडित नीलकण्ठ त्रिपाठी को संत समाज ने संत की उपाधि से मनोनीत किया गया। समस्त संतो का कहना है कि नीलकण्ठ महाराज धर्म संसद/धर्म सभा जैसे आयोजन करवा के हिंदुओं को अपने धर्म के लिए जागरूक करने में लगे है। लगातार सनातन धर्म के झंडे को लेकर एवं संत समाज के सम्मान के लिए लगातार कार्य करते आ रहे है नीलकण्ठ महाराज के हिंदुत्व/सनातन धर्म के प्रति सक्रियता से कार्य को देख कर उन्हें सनातन धर्म रक्षा के लिए संत की उपाधि से मनोनीत किया गया।
छत्तीसगढ़ में संतो के साथ-साथ सरकार एवं आम लोगो में छत्तीसगढ़ संत समिति की छवि जहां एक ओर संतो की सेवा के साथ-साथ सम्मान और सुरक्षा के लिये काफी सक्रिय चर्चित और संतो की एक प्रतिष्ठित संस्था के रूप में पहचान है। वहीं साल भर पहले इसी समिति के धर्म संसद में काली चरण महराज के गांधी पर विवादित बयान के बाद इससे दुखी होकर गौ-सेवा आयोग छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष, दुधाधारी के मठ रायपुर के महंत ने छत्तीसगढ़ संत समिति के अध्यक्ष पद से स्तीफा दे दिया था,साथ ही धर्म संसद से अपने आप को अलग पृथक किया था। जिसके कारण से यह पद खाली था। और इस पर अमरकंटक स्थित बर्फानी धाम के श्री महंत लक्ष्मण दास बालयोगी को अध्यक्ष के रूप में पट्टासीन किया गया।