रायपुर, आज छत्तीसगढ़ आई हॉस्पिटल के संचालक डॉ. अभिषेक मेहरा के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ आई हॉस्पिटल के स्टाफ द्वारा कैंडल मार्च निकाला गया। यह कैंडल मार्च नेत्रदान के लिए जागरूकता के प्रसार हेतु तेलीबांधा से जलविहार कॉलोनी के बीच निकाला गया, जो रायपुर के तेलीबांधा से श्यामनगर और जलविहार कॉलोनी होते हुए वापस तेलीबांधा में आकर खत्म हुआ। उल्लेखनीय है कि 25 अगस्त से 8 सितंबर तक नेत्रदान जागरूकता पखवाड़ा मनाया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ आई हॉस्पिटल के संचालक डॉ अभिषेक मेहरा का कहना है, “कई नेत्रहीन मरीज़ ऐसे होते हैं जिनकी आँखों की रौशनी कॉर्निया प्रत्यारोपण से वापस आ सकती है। इसके लिए ज़रूरी है कि स्वस्थ व्यक्ति अपने जीवनकाल में नेत्रदान का प्रण करे। इस तरह दाता की मृत्यु के बाद कोई और यह खूबसूरत दुनिया देख सकता है।”
डॉ अभिषेक मेहरा ने बताया कि कोई भी इन्सान नेत्रदान कर सकता है, यहाँ तक कि चश्मा लगा हो तो भी नेत्रदान किया जा सकता है, इसके लिए आईबैंक में जाकर पंजीयन कराना होता है। लेकिन एड्स, सिफलिस, रक्त में कोई संक्रमण रहा हो या जिनकी मृत्यु रैबीज़ से हुई हो तो ऐसे व्यक्ति नेत्रदान नहीं कर सकते। नेत्रदाता की आँखों से कॉर्निया निकालकर मरीज़ की आँखों में प्रत्यारोपित किया जाता है। नेत्रदान के लिए उम्र, लिंग, रंग मायने नहीं रखता है, बस जज़्बा मायने रखता है।
छत्तीसगढ़ आई हॉस्पिटल एक चैरिटेबल हॉस्पिटल है जो 42 वर्षों से नेत्र रोगों के उपचार के लिए निरंतर सेवाएँ दे रहा है। यह हॉस्पिटल विभिन्न नेत्र रोगों के उपचार और नेत्र की जांच के लिए आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित है।