बेलतरा :- ग्राम बेलतरा भद्रापारा में संगीतमय श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ एवं वार्षिक श्रध्द कथा का आयोजन चरणाकांक्षी गोलोकधाम निवासी माता गंगाभारती स्व: पद्मावती कौशिक पति स्व:स्वर्गीय चंदू लाल कौशिक के स्मृति में कौशिक परिवार द्वारा 19 सितंबर से 27 सितंबर तक श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है।
संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा में भक्ति ज्ञान,वैराग्य की पावन त्रिवेणी गंगा में हजारो श्रद्धालु भक्तजनो द्वारा रसपान किया जा रहा है। 19 सितंबर को विशाल कलश शोभायात्रा निकाली गई जिसमें सैकड़ों माता बहनों ने कलश यात्रा में शामिल हुए।कथावाचक स्वामी सुदर्शनाचार्य जी महाराज (डभोई गुजरात) के श्रीमुख से कथा व्यास पीठ पर विराजमान होकर अपनी ओजमयी रसमयी अमृतवाणी द्वारा भक्तजनो को कथामृत का रसपान करा रहे हैं। 19 सितंबर को कथा प्रारम्भ शोभायात्रा, गौकरण व्याख्यान,कपिल आगमन, बाराह अवतार,ध्रुव भक्त प्रह्लाद चरित्र,वामन अवतार, श्री राम,श्री कृष्ण जन्म बाल चरित्र ,माखन चोरी, जरासन्ध युध्द, सुदामा चरित्र, श्री कृष्ण लीला,रुक्मणी मंगल की सुमधुर गीत संगीत से गदगद होकर महिलाओं बच्चो द्वारा खूब नाच गान किया जा रहा है। 26 सितंबर को गीता महिमा,तुलसी वर्षा,सहस्त्रधारा पूर्णाहुति, हवन पूजन कुमारी पूजन ब्राम्हण भोज के साथ संपन्न की जाएगी। संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह में भक्ति ज्ञान,वैराग्य की पावन त्रिवेणी गंगा में डुबकी लगाते सुमधुर धुनों से लोगबाग मंत्रमुग्ध हो रहे है यह आयोजन सत्येन्द्र कौशिक व रोहित कौशिक द्वारा कराया जा रहा है।
आज की कथा में स्वामी जी ने श्रोताओं को बताया कि भक्त प्रहलाद की कथा वृतांत को विस्तार से व्यासपीठ से आचार्य सत्य के मार्ग पर चलने से अनेको-अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है किंतु सत्य परास्त नहीं होता प्रहलाद ईश्वर की शरण लेते हुए सत्य मार्ग पर चलने का कठोर रास्ता चुना बहुत ही परेशानियों का सामना किया किंतु अपनी रास्ता बदलने का प्रयास नहीं किया अंततः विजय सत्य की ही हुई प्रहलाद भगवान नरसिंह श्री नारायण के शरण में रहे अर्थात सत्य के मार्ग पर रहे। हिरण्यकश्यप अधर्म के मार्ग पर चलते अपना विनाश खुद चाहा और उनका संघार भगवान नारायण नरसिंह के हाथो से हुआ,