रायपुर। राज्यसभा सांसद सरोज पांडे ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखा पत्र हा। अपने पत्र में उन्होंने छत्तीसगढ़ की बदहाल सड़कों के मुद्दे पर अपने बयान के बाद प्रदेश के गृहमंत्री और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता ताम्रध्वज साहू की टिप्पणी से आहत होने की बात की है। अपने पत्र उन्होंने इस प्रकार लिखा है
सर्वप्रथम आपको शक्ति उपासना के महापर्व नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ। आज जब समस्त भारतवर्ष हर्षोल्लास के साथ मातृशक्ति के आराधना का महापर्व मना रहा है तब कुछ ऐसा हुआ कि मैं आपको यह पत्र लिखने पर मजबूर हो गयी । कुछ दिनों पूर्व मैंने मरम्मत हेतु कराह रही छत्तीसगढ़ की बदहाल सड़कों का मुद्दा एक वीडियो के माध्यम से उठाया था। यह मेरे निजी अनुभव के साथ साथ लाखों प्रदेशवासियों की पीड़ा और गुहार भी थी जिसे मैं छत्तीसगढ़ सरकार और मुख्यमंत्री जी तक पहुँचना चाहती थी।
यह वीडियो जारी किए जाने के बाद से ही गुट बनाकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से मुझपर लगातार निजी टिप्पणियाँ की गयीं। पर हद तो तब हो गयी जब प्रदेश के गृहमंत्री और आपकी पार्टी के वरिष्ठ नेता ताम्रध्वज साहू जी इस विषय पर टिप्पणी करते वक़्त सारी मर्यादाएँ लांघ गए। उनके बयान ने उनकी नारी विरोधी मानसिकता तो उजागर की, मगर उनके बयान को कांग्रेस पार्टी के संरक्षण ने आज समस्त कांग्रेस को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है।
सोनिया जी, यह वो देश है जहां के शीर्ष से शीर्ष पद की शोभा भी महिलाओं ने बढ़ाई है। पौराणिक काल से ही नारी को शक्ति का रूप मान कर उसकी उपासना करने वाले राष्ट्र में क्या कोई ऐसा व्यक्ति किसी ज़िम्मेदार पद पर बैठने लायक है जिसकी सोच महिला को सिर्फ सजावट की वस्तु मानती हो? जिसकी मानसिकता पुरुषवर्चस्ववादी हो? जिसके दिलो-दिमाग में यह विचार निहित हो कि महिलाओं की राजनीति में कोई जगह नहीं है वो गृह मंत्री के पद पर बैठ कर आधी आबादी के साथ न्याय कैसे कर सकेगा?
सोनिया जी, हाल में ही उत्तरप्रदेश में प्रियंका गांधी वाद्रा जी ने एक अभियान चलाया था ‘लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ। क्या वह सिर्फ दिखावा था? क्या असल में प्रदेश के गृहमंत्री जी जैसे अहंकारियों की पार्टी है? जिनकी क्षद्म श्रेष्ठता की भावना नारी का सम्मान तक भूल चुकी है।
छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री का बयान भारतीय नारी और भारतीयता के साथ साथ हर उस बेटी, हर उस महिला का अपमान है जो आज समाज की सभी बेड़ियों को तोड़ कर सफलता के नित नये आयाम स्थापित कर रही है।
इस प्रतिस्पर्धात्मक युग में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला कर चल रही महिलाओं को प्रदेश के गृहमंत्री जी जैसे लोग बर्दाश्त नहीं कर सकते, क्यूँकि उनकी नस नस में एक सक्षम और सशक्त नारी के प्रति सिर्फ और सिर्फ नफरत है।
कांग्रेस अध्यक्षा और एक बेटी की माँ होने के नाते पत्र में लिखी बातें आपको जरूर तर्कसंगत लगी होंगी। और यदि ऐसा है तो कृपया प्रदेश के गृहमंत्री जी पर तत्काल प्रभाव से सख़्त से सख़्त अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए उनका इस्तीफा लें। एक ऐसा व्यक्ति गृहमंत्री के पद पर बैठा अच्छा नहीं लगता जिसके हृदय में नारी के प्रति कुंठा का भाव हो। अगर आपकी तरफ से इसपर कोई कार्यवाही नहीं की गयी तो मैं उसे प्रदेश के गृहमंत्री जी के बयान पर आपकी मौन सहमति मानते हुए अपमान का वह घूँट पी लूँगी।
छत्तीसगढ़ की जनता से बड़ा मेरे लिए कोई नहीं है, मैं उनकी समस्याओं और मुद्दों को उठाने के प्रति सदैव कटिबद्ध रहूँगी।