प्रताड़ित होने पर महिला संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध रिपोर्ट कराने स्वतंत्र
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने आज शास्त्री चौक स्थित राज्य महिला आयोग कार्यालय में महिलाओं की शिकायतों के निराकरण के लिए सुनवाई की गई। जनसुनवाई में 29 प्रकरण रखे गए थे, जिसमें 7 प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।
एक मामले में पति, पत्नी और 3 बच्चों का पालन-पोषण नही कर रहा था। जिसकी शिकायत पत्नी ने आयोग में की। आयोग में सुनवाई के बाद पति-पत्नी को साथ ले गया था। उसके बाद भी पति अपनी पत्नी और बच्चों का ध्यान नहीं रख रहा है। उसने पत्नी से मोबाईल भी छीन लिया है और उसे अपने माता-पिता से बातचीत करने से भी रोकता है। इसमें पति के माता-पिता भी साथ देते हैं। पत्नी की इस शिकायत पर आयोग ने पति को निर्देशित किया कि भविष्य में यदि किसी भी तरह का दुर्व्यवहार पत्नी से किया जाता है तो पत्नी संबंधितों के खिलाफ पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कर सकती है। अनावेदक पति गोदावरी प्लांट पर वाहन चालक का काम करता है। उसका 20 हजार रुपये मासिक वेतन भी है। आयोग की समझाइश पर पति अपनी पत्नी को घर चलाने और गुजारे के लिए 10 हजार रुपये प्रतिमाह देने के लिए राजी हो गया। प्रकरण को एक वर्ष तक निगरानी में रखा गया है। इसी प्रकार के एक घरेलू विवाद के प्रकरण में पति-पत्नी आयोग की समझाइश पर आपसी राजीनामा और समझौते के आधार पर एक साथ रहने तैयार हुए। इस प्रकरण को तीन माह के निगरानी में रखा गया।