कांग्रेस सरकार के चार वर्ष पूरे होने पर कांग्रेस ने पत्रकार वार्ता लेकर सरकार की उपलब्धियों को बताया। *कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला* ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार अपने कार्यकाल के चार साल पूरा कर रही है। यह चार साल गौरव और स्वाभिमान के है।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद राज्य के हर वर्ग के लोगों का जीवन स्तर में परिवर्तन आया। कांग्रेस की सरकार ने हर वर्ग के विकास के लिये प्रभावी योजना बनाकर उनका जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन किया गया। किसानों का कर्जा माफ, युवाओं के लिये सरकारी नौकरी के द्वार खोले गये, आऊट सोर्सिंग बंद किया गया, आदिवासी क्षेत्र के विकास के लिये विशेष योजनायें बनाई गयी, राज्य की संस्कृति को सवंर्धित करने का काम किया गया।
रमन सिंह ने कहा 4 साल गौरव के नहीं 4 साल गर्त का। दरअसल उन्होंने यह गर्त शब्द भाजपा के लिये उपयोग में लाया है। 2018 में रमन सिंह के नेतृत्व में तीन चौथाई बहुमत से हारने के बाद भाजपा सही में 4 साल में विधानसभा के उपचुनाव, चुनाव दर चुनाव महापौर, जिला पंचायत अध्यक्ष सभी में तो भाजपा गर्त में ही गयी है।
कांग्रेस ने अपने जन घोषणा पत्र के 36 प्रमुख वायदों में से 90 प्रतिशत से अधिक वायदों को पूरा कर चुकी है। चार साल के कार्यकाल में सरकार ने आधा समय कोरोना महामारी से निपटने में लगाया उसके बावजूद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस सरकार की अपने वायदो को पूरा करने की प्रतिबद्धता ही है कि पांच साल के लिये किये गये 36 वायदों में 90 प्रतिशत वायदों को सरकार ने पूरा कर दिखाया और अन्य महत्वपूर्ण वायदों को पूरा करने के लिये कार्यवाहियां शुरू की जा चुकी है। हिन्दी माध्यम के 279 विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तन और शासकीय खर्च पर अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई छत्तीसगढ़ मॉडल का नया सफल शोध है।
किसानों का कर्जा माफ किया, 2500 रू. में धान की खरीदी की गयी, किसानों का जल कर माफ किया गया, 5 डिसमिल से कम जमीनों की बंद रजिस्ट्री शुरू की गयी, लोहंडीगुड़ा में किसानों की जमीने वापस, राजीव गांधी किसान न्याय योजना में धान, मक्का, गन्ना, कोदो, कुटकी, दहलन, तिलहन, फलदार वृक्ष एवं सब्जी उत्पादक किसानों को प्रतिवर्ष सहायता, भूमिहीन कृषि मजदूरों की आय सुनिश्चित करने न्याय योजना शुरू, तेंदूपत्ता संग्राहकों का मानदेय बढ़ाया, युवाओं को सरकारी नौकरी के द्वार खोले गये शिक्षकों प्राध्यापकों सहित विभिन्न विभागों में सीधी भर्ती शुरू, आउट सोर्सिंग बंद किया गया, गोधन न्याय योजना से गोवंश संरक्षण, नरवा, गरवा, घुरवा, बारी से ग्रामीण अर्थव्यवस्था सिंचाई के साधन सुदृढ़ करने का काम, बस्तर में बायोटेक किसान हब की स्थापना, डेयरी विकास के मद में 530 डेयरी स्थापित, कृषक जीवन ज्योति में निःशुल्क विद्युत 5 हार्स पावर तक, 7 से बढ़ाकर 65 लघु वनोपज का समर्थन मूल्य में खरीदी, जनजाति विकास के लिये पृथक सचिवालय स्थापित, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की स्थापना, खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सेवा योजना के तहत 20 लाख तक इलाज की सुविधा, गांव, मोहल्लों, शहरी स्लम में घर-घर तक स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने का वायदा पूरा, आंगनबाड़ी, मध्यान्ह भोजन रसोईयों के वेतन में वृद्धि का वायदा पूरा, औद्योगिक विकास के वायदे को पूरा करने भूमि की दरों में 30 प्रतिशत की कमी सिंगल विंडों की स्थापना की गयी, 400 यूनिट तक बिजली बिल आधा किया गया, शिक्षाकर्मियों का 2 वर्ष पूर्ण होने पर संविलियन किया गया, कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण के लिये हर ब्लाकों में फूड पार्क के लिये जमीन आवंटित, कोण्डागांव, सिंगारभाट में कार्य प्रगति पर। 14580 शिक्षकों की भर्तियां कर सरकारी नौकरी में युवाओं के लिये द्वार खोले।
अपराध- इस प्रदेश का सबसे बड़ा राजनैतिक नरसंहार रमन राज में झीरम में हुआ जिसमें 31 कांग्रेस नेताओं को मार डाला गया। रमन राज की अपेक्षा छत्तीसगढ़ में अपराधों में 64 प्रतिशत की कमी आई। रमन सिंह बेशर्मीपूर्वक झूठ बोल रहे है कि राज्य में अपराध बढ़ गये। जबकि छत्तीसगढ़ महिला अपराध में 18वें नंबर है जो कि रमन राज में 6वें स्थान पर था। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार 2018 में छत्तीसगढ़ बलात्कार के मामलों में पांचवे नंबर पर था, 2021 में भूपेश सरकार की महिला सुरक्षा नीतियों के कारण छत्तीसगढ़ 11वें स्थान पर आ चुका था।
बलात्कार के प्रयास की घटनाओं में भी एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ 2018 तक 10वें स्थान पर था, जबकि भूपेश सरकार के बाद 2021 में छत्तीसगढ़ ने अपनी स्थिति में सुधार किया है और ये 16वें स्थान पर है। महिला के विरूद्ध घटित अपराध में छत्तीसगढ़ की स्थिति राष्ट्रीय स्तर पर 18वें स्थान पर है। राष्ट्रीय स्तर पर प्रति लाख आबादी पर महिला के विरुद्ध घटित अपराध की दर 63.3 है।
किसान-2013 के चुनाव घोषणा पत्र में धान का समर्थन मूल्य 2100 रू. एवं 300 रू. बोनस प्रति क्विंटल देने का वादा जुमला साबित। भाजपा की वादाखिलाफी के कारण कर्ज से लदकर प्रतिदिन औसत तीन किसान आत्महत्या करने मजबूर। 365×3=1095 किसान। 15 साल में 15000 किसानों ने आत्महत्या किया, आज छत्तीसगढ़ में किसान आत्महत्या का दौर समाप्त हो गया। भाजपा खुद दावा कर रही चार साल में 431 किसान आत्महत्या किये अर्थात 108 किसान प्रतिवर्ष दस गुना की कमी आई है।
कांग्रेस सरकार में आते ही 2 घंटे के भीतर 1,78,200 किसानों का 9270 हजार करोड़ का कर्जा माफ। किसानों का सिंचाई कर माफ। 2500 में धान खरीदी की जा रही, राजीव गांधी किसान न्याय योजना की राशि को मिलाकर वादे से अधिक 2640 और 2660 रू. प्रति क्विंटल धान का समर्थन मूल्य। 6.5 लाख किसानों को 10400 करोड़ कृषि पंपों के लिये बिजली बिल पर राहत। 15 लाख किसानों के 325 करोड़ का सिंचाई कर माफ। 2017-18 में अधिक किसान 15.77 लाख, अधिक धान 56.89 लाख मी.टन, पंजीकृत रकबा 20 लाख हेक्टेयर। 2022-23 अधिक किसान 25.93 लाख, अधिक धान 98 लाख मी. टन, पंजीकृत रकबा 31.17 लाख हेक्टेयर।
*वरिष्ठ प्रवक्ता आर.पी. सिंह* ने कहा कि शराब- मुख्यमंत्री रहते हुये रमन सिंह ने कहा था कि सरकार रहे चाहे जाये शराबबंदी करके रहेंगे, किया उल्टा। शराब का सरकारी करण करके 400 करोड़ के राजस्व को 5000 करोड़ तक पहुंचाया। गोवा को पीछे छोड़कर प्रति व्यक्ति शराब खपत के मामले में छत्तीसगढ़ को नंबर वन बनाया। सर्वविदित है कि शराब के कमीशन के बटवारे को लेकर रमन केबिनेट में आय दिन विवाद होते रहे। शराबबंदी हेतु बनाई गयी राजनैतिक कमेटी में 2 नाम भाजपा को देने थे वो आज तक नहीं दिये गये।
सामाजिक बुराई के खिलाफ लड़ाई में तीनो स्तर पर प्रयास किये जा रहे। तीन कमेटिया बनाई गयी है। सामाजिक, राजनैतिक और प्रशासनिक। तीनो कमेटिया अपने-अपने स्तर पर काम कर रही है। शराबबंदी वाले राज्यों में अध्ययन कर सभी संभव विकल्पो पर कार्य योजना बनाई जा रही है। आम जनता की सहभागिता और युवाओं को जोड़ने 13800 राजीव युवा मितान क्लब,समाज कल्याण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पंचायत ग्रामीण और नगरीय निकाय विभाग के माध्यम से भी जन जागरण अभियान चलाये जा रहे है। 5वीं अनुसूची के क्षेत्र में पेसा कानून लागू,बस्तर सरगुजा के उन क्षेत्रों में ग्राम सभा को विशेष अधिकार दिये गये है। क्रमिक शराबबंदी की और अग्रसर अब तक 103 दुकाने बंद की गयी। अंग्रेजीऔर देशी दोनो तरह के मदिरा के विक्रय में कमी। शराब के खपत के मामले में पहले स्थान से खीसकर देश में 16वें नंबर पर। प्रति व्यक्ति शराब की खपत में 2018 में छत्तीसगढ़ देश में पहले नंबर पर था आज 18वें नंबर है। अंग्रेजी शराब में 10 प्रतिशत, देशी शराब में 14 प्रतिशत की कमी आई है।
भाजपा शराबबंदी की बातें सिर्फ पत्रकारों से करती है लेकिन चार साल हो गये अभी तक अपने एक विधायक का नाम शराबबंदी के लिये बनाई गयी विधानसभा की कमेटी में नहीं दिया। भाजपा के एक दर्जन से अधिक नेता शराब की तस्तकरी करते पकड़ाये। उनकी आज भी भाजपा के पदाधिकारी है कोई कार्यवाही नहीं किया। एक शराब तस्कर के बचाव में भाजपा के कार्यालय में पत्रकार वार्ता तक ली गयी।
शराब का सरकारीकरण करने वाले रमन सिंह आज भी कांग्रेस ने शराबबंदी के लिये गंगाजल की कसम खाने की झूठी बात को दुहराया यह रमन सिंह के झूठ और बेशर्मी की पराकाष्ठा है।
*प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर* ने कहा कि रोजगार- रमन राज में सितंबर 2018 में प्रदेश की बेरोजगारी दर 22.2 प्रतिशत थी। आउटर्सोसिंग के माध्यम से छत्तीसगढ़ के स्थानीय युवाओं के रोजगार के अधिकार को बेचते रहे। 15 साल में केवल 9 बार पीएससी की भर्ती की गयी। 6 बार परीक्षा ही निरस्त। रमन सिंह के 15 साल के कुशासन में एक भी पद पर नियमित शिक्षक की भर्ती नहीं की गयी। शिक्षाकर्मियों से लगातार वादाखिलाफी की जाती रही, आंदोलन को बलपूर्वक कुचला गया। महाविद्यालयों में भी सहायक प्राध्यपक के पद रिक्त रखे गये।
विगत 8 माह से छत्तीसगढ़ देश के भीतर सबसे कम बेरोजगारी दर वाला राज्य है (0.2 प्रतिशत)। आउटर्सोसिंग बंद करके नियमित पदों पर भर्तीया आरंभ की गयी। सरकारी के साथ ही निजी क्षेत्रों में स्थानीय युवाओं को रोजगार देने नये उद्योग नीति देने में विशेष प्रावधान के तहत अकुशल श्रमिकों में शत प्रतिशत भर्ती स्थानीय युवाओं की। विगत 4 वर्षो में पीएससी की 4 भर्ती प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात वर्तमान में 5वीं भर्ती प्रक्रियाधीन है। सभी शिक्षाकर्मियों को नियमित शिक्षा बनाया गया। 14580 पदों पर नियमित भर्ती के पश्चात अब पुनः 12500 पदों पर भर्ती प्रक्रिया आरंभ। महाविद्यालयो में 1465 सहायक प्राध्यापकों की नियमित भर्ती। पिछले 4 साल में 5 लाख युवाओं को रोजगार। आगामी 5 वर्षो में 15 लाख रोजगार के अवसर पैदा करने छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन का गठन।
विश्व आदिवासी दिवस, हरेली, तीजा पोरा, गोवर्धन पूजा पर अवकाश की घोषणा और सरकारी आयोजन। स्थानीय कलाकारों को सरकारी आयोजनों में प्रमुखता से अवसर। अरपा पैरी के धार जैसे छत्तीसगढ़ी प्रकृति परंपरा और संस्कृति के वैभव को वर्णन करने वाले गीत को राज गीत का मान। चंदखुरी में दुनिया का एक मात्र कौशल्या मंदिर में पर्यटक सुविधायें विकसित करराम वन गमन पथ के 52 स्थलों को पर्यटन परिपथ में शामिल किया गया। बस्तर में सैंकड़ो घोटुल और देवगुडी का निर्माण पर्यटन और संस्कृति विभाग द्वारा। विगत 4 वर्षों में 9 हजार से अधिक गौठानों में गौसेवक के साथ गौठान समूह और महिला समूहों को रोजगार के अवसर दिये।
*प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेन्द्र वर्मा* ने कहा कि शिक्षा- प्रदेश में लगभग 3 हजार स्कूल बंद किये गये जिसमें से लगभग 300 स्कूल बस्तर के थे। बंद स्कूलों को पुनः आरंभ किया गया। जिनमें से 287 बस्तर संभाग के है। प्रत्येक ब्लॉक में उच्च गुणवत्ता युक्त अंग्रेजी माध्यम के स्वामी आत्मानंद के विद्यालय खोले गये। अब हिन्दी माध्यम से साथ ही स्वामी आत्मानंद कालेज भी।
स्वास्थ्य- आंखफोड़वा कांड, नसबंदी कांड, गर्भाशय कांड, कमीशनखोरी के लालच में ब्लैक लिस्टेड कंपनी से दवा खरीदी, डीकेएस घोटाला, उपकरण खरीदी घोटाला, रमन राज में बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की पहचान बन चुकी थी। जिला अस्पतालो में भी बदहाली, डॉक्टर, नर्स, तकनीकी कर्मचारियों की कमी सर्वविदित है।
कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सभी जिला अस्पतालों को मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल बनाये गये। सभी ब्लाक अस्पतालों में भर्ती की सुविधा, 1900 वेलनेस सेंटर, हाट बाजार क्लीनिक, मोहल्ला क्लिनिक, हमर अस्पताल के माध्यम से न केवल चिकित्सीय परामर्श बल्कि दवाये भी निःशुल्क दी जा रही है। विगत 4 वर्षो में स्वास्थ्य का इन्फ्रार्स्टचर 240 प्रतिशत बढ़ा है। स्वास्थ्य विभाग में लगभग 4 हजार पदों से नियमित भर्ती। डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत 20 लाख तक के इलाज की सुविधा। 16 सरकारी जिला अस्पतालों में डायलिसिस की सुविधा आरंभ की गई है।