रायपुर। राजभवन में लंबित आरक्षण विधेयक पर 30 दिन बाद भी हस्ताक्षर नहीं हो पाने के लिये कांग्रेस ने भाजपा को जिम्मेदार ठहराया प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा राज्य में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार और कांग्रेस पार्टी से सीधा राजनीतिक लड़ाई नहीं लड़ पा रही है।
भाजपा प्रदेश में जनसमर्थन खो चुकी है इसीलिए अब राजभवन के पीछे छिपकर राज्य के जनहित के मुद्दों से संबंधित विधायको को रुकवाने का काम कर रही है। प्रदेश के आरक्षित वर्ग आदिवासी वर्ग ओबीसी वर्ग एससी वर्ग और ईडब्ल्यूएस दायरे में आने वाले वर्गों को अगर आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है शिक्षा के क्षेत्र में सरकारी नौकरी के अवसर एवं अन्य सरकारी योजनाओं में तो उसके लिए सिर्फ और सिर्फ भारतीय जनता पार्टी जिम्मेदार है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने प्रदेश के 76 प्रतिशत आरक्षित वर्ग को आरक्षण का लाभ देने के लिए जो विधेयक पारित करवाया है वह सिर्फ भाजपा के षड्यंत्र के चलते आज 30 दिन से राजभवन में अटकी हुई है।
पूरा देश ने देखा है कैसे भाजपा राजभवन के पीछे छिपकर अपनी राजनीतिक काले मंसूबे को पूरा करती है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, गोवा, मध्यप्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल सहित कई ऐसे राज्य हैं। जहां भाजपा की राजनीतिक जनाधार नहीं है लेकिन राज भवन के पीछे खड़े होकर उन राज्य सरकारों के जन हितैषी कल्याणकारी योजनाओं को रोकने का षड्यंत्र भाजपा कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहां की राज्यपाल महोदय जी की मंशा एकदम स्पष्ट थी इसीलिए उन्होंने आरक्षण विधेयक पर तत्काल हस्ताक्षर करने की इच्छा जाहिर की थी जिससे भाजपा के नेता भयभीत हो गए थे और प्रदेश में जनाधार खो चुके भाजपा को पता था अगर ये आरक्षण विधेयक पास हो जाता है और नोटिफिकेशन हो जाता है तो भारतीय जनता पार्टी को 2023 के चुनाव में 14 सीट भी बचाने की स्थिति में नहीं रहेगी। इसीलिए भाजपा अपने केंद्रीय नेताओं को जो संवैधनिक पदों में बैठे हुए हैं।
उन के माध्यम से राजभवन पर अनैतिक दबाव बनाकर उस आरक्षण विधेयक के हस्ताक्षर होने से रोक रही है। प्रदेश की जनता समझ चुकी है भाजपा के इस विघटनकारी राजनीति को और आज पूरे प्रदेश के आरक्षित वर्ग में भाजपा के खिलाफ आक्रोश है और भाजपा को अपने इस काले करतूत का दुष्परिणाम भोगना होगा।