4 जनवरी को कैट द्वारा ई कॉमर्स संवाद का आयोजन दिल्ली में

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे ने बताया कि ई-कॉमर्स नीति तथा रिटेल व्यापार के लिए एक राष्ट्रीय व्यापार नीति पर केंद्र सरकार द्वारा गतिविधियों को तेज किये जाने के सन्दर्भ में कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) आगामी 4 जनवरी को नै दिल्ली में एक *ई-कॉमर्स संवाद* आयोजित कर रहा है जिसमें देश में खरीदे-बेचे जाने वाले सामान तथा विभिन्न प्रकार की सेवाएं देने वाली वस्तुओं के राष्ट्रीय संगठनों सहित अनेक कॉर्पोरेट रिटेल कंपनियों तथा बड़े ब्रांड के सामान बनाने वाली कंपनियों को आमंत्रित किया गया है ! कैट ने स्पष्ट किया की इस मीटिंग का उद्देश्य रिटेल व्यापार के विभिन्न वर्गों को मिलकर एक बड़ा फोरम गठित करना है जो ई कॉमर्स नीति को जल्द लागू करने,ई कॉमर्स के लिए एक सशक्त रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम से संबंधित ई-कॉमर्स नियमों की घोषणा, रिटेल व्यापार हेतु एक राष्ट्रीय व्यापार नीति, एफडीआई रिटेल के प्रेस नोट 2 के स्थान पर एक नया प्रेस नोट जारी करने हेतु सरकार पर बड़ा दबाव बनाये ! मीटिंग में हुई चर्चा एवं निर्णयों को एक सिफारिश के रूप में केंद्र सरकार एवं सभी राज्य सरकारों को दिए जाएंगे !

कैट के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी ने इस मीटिंग को आयोजित करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा की अभी हाल ही में कैट द्वारा किए गए एक सर्वे में लगभग 93% व्यापारियों ने कहा कि भारत में ई-कॉमर्स व्यापार के लिए एक व्यापक नीति की आवश्यकता है जिसमें डिजिटल तरीके से देश में किये जाने वाले व्यापार अथवा दी जाने वाली सेवाओं को ई-कॉमर्स गतिविधि के रूप में माना जाना चाहिए और तदनुसार एक ई कॉमर्स पॉलिसी बनाई जाए जिसमें सोशल कॉमर्स को भी 89% व्यापारियों ने कहा की इस पॉलिसी में रिटेल व्यापार के चारों अंगों, छोटे व्यापारियों, कॉर्पोरेट रिटेल, ई कॉमर्स एवं डायरेक्ट सेलिंग को शामिल कर एक पॉलिसी बनाई जाए जिसमें इन चारों अंगों द्वारा व्यापार करने मूल सिद्धांत , दिशा निर्देश आदि स्पष्ट रूप उल्लिखित हों ! कैट के इस सर्वे में 20 शहरों के 4281 व्यापारियों ने भाग लेकर अपना मत व्यक्त किया !

पारवानी एवं  दोशी ने कहा कि जिस तरह से ई कॉमर्स को विषाक्त किया गया है उसको देखते हुए यह बेहद जरूरी है कि रिटेल व्यापार के सभी वर्गों के बीच में ई-कॉमर्स और रिटेल व्यापार के बुनियादी सिद्धांतों पर एकमत होना जरूरी है जिससे वाणिज्य मंत्रालय के डीपीआईआईटी विभाग को पुख्ता इनपुट प्रदान किया जा सके !

रिटेल व्यापार का सबसे बड़ा वर्ग होने के कारण कैट ने इस मीटिंग को आयोजित किया है ! उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कैट ई-कॉमर्स के खिलाफ नहीं है लेकिन कैट का यह निश्चित मत है कि देश के कानून और नीतियों का अक्षरशः: पालन किया जाना चाहिए और किसी भी उल्लंघन से सख्ती से निपटा जाना चाहिए।

पारवानी एवं  दोशी ने बताया कि कैट ने इस मीटिंग में इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन,ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया एफएमसीजी डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन, ऑल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन, ऑल इंडिया टॉयज फेडरेशन, ऑल इंडिया कंप्यूटर मीडिया डीलर्स एसोसिएशन, फेडरेशन ऑफ स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज , रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक्स एसोसिएशन,लघु उद्योग भारती, नेशनल फार्मर्स फेडरेशन, इवेंट एंड एंटरटेनमेंट मैनेजमेंट एसोसिएशन, एसोसिएशन ऑफ सिनेमा थियेटर, नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया,फेडरेशन ऑफ होटल्स एंड रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया रिटेल केमिस्ट्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया फूड ग्रेन डीलर्स एसोसिएशन ,अखिल भारतीय खाद्य तेल डीलर संघ, आल इंडिया गिफ्ट एवं घडी विक्रेता एसोसिएशन, आल इंडिया टी निर्माता फेडरेशन आदि को आमंत्रित किया है !

पारवानी और  दोशी ने यह भी बताया कि मीटिंग में अनेक कॉरपोरेट रिटेलर्स जिनमें रिलायंस रिटेल, शॉपर्स स्टॉप, मेट्रो कैश एंड कैरी, वी मार्ट, डी-मार्ट, जबकि डायरेक्ट सेलिंग कंपनियां एमवे, ओरिफ्लेम, एफएमसीजी कंपनियां कोक, पेप्सी, आईटीसी, हिंदुस्तान लीवर, पतंजलि आदि को भी बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है !

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