छेरछेरा के तिहार लुप्त होवत रहिस, छत्तीसगढ़ के परिपाटी ल आगे बढ़ाये के काम करत हावन

किसी भी तरीके से दिया गया दान अंततः मनुष्य का कल्याण ही करता है शास्त्रों में कहा गया है दानम् करोति कल्याणम्! हमारे सनातन धर्म में दान की अपार महिमा बताई गई है दान लेने से अहंकार समाप्त होता है और देने से उदारता आती है।

 

यह बातें छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल जी ने  दूधाधारी मठ में छेरछेरा पर्व के अवसर पर मंच से आम नागरिकों को संबोधित करते हुए अभिव्यक्त की। विदित हो कि राज्य के मुखिया भूपेश बघेल जी छेरछेरा मांगने के लिए दूधाधारी मठ पहुंचे थे यहां पीठाधीश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज ने उन्हें मठ मंदिर में भगवान का दर्शन कराया। दर्शन के पश्चात वे मठ मंदिर के ट्रस्टीयों से मिले उन्होंने छेरछेरा के अवसर पर मुख्यमंत्री को धान (अन्न) का दान तो किया ही साथ ही साथ दो लाख ग्यारह हजार रुपए मठ मंदिर प्रशासन की ओर से दान स्वरूप प्रदान किया।

 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री का धान से तुलादान किया गया। मंच से लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ी में कहा कि- छेरछेरा के तिहार ह लुप्त होवत रहिस, येला आगे बढ़ाय बर हमन काम करत हावन। छेरछेरा त्यौहार के अवसर पर गांव में लोग रामलीला मंडली, सुआ, डंडा आदि सामूहिक नृत्य के द्वारा छेरछेरा मांग कर सामाजिक विकास का कार्य करते हैं।

 

उन्होंने कहा कि- छत्तीसगढ़ की परंपरा, साहित्य, संस्कृति,खेलकूद सभी को आगे बढ़ाने का कार्य छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार के द्वारा किया जा रहा है। इसके लिए सार्वजनिक स्थल पर कार्यक्रम आयोजित तो हो ही रहे हैं, मुख्यमंत्री निवास मे भी विविध कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित होते हैं। किसान अन्नदाता है वह मनुष्य से लेकर पशु, पक्षी सभी का पेट भरता है, इसलिए किसानों के विकास के लिए छत्तीसगढ़ सरकार कृत संकल्पित है।

चालू वर्ष में हमने 85 लाख मैट्रिक टन धान की खरीदी की है, किसानों को समय पर भुगतान हो रहा है, अभी तक पूरे राज्य से किसी भी किसान का कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुआ है! इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज ने कहा कि छत्तीसगढ़ में दान लेकर दान देने की परंपरा है। इस परंपरा का बखूबी निर्वाह माननीय मुख्यमंत्री जी कर रहे हैं। छेरछेरा के त्यौहार के अवसर पर लोग अपने पद प्रतिष्ठा से ऊपर उठकर घर -घर जाकर दान मांगते हैं। छत्तीसगढ़ की परिपाटी को आगे बढ़ाने का कार्य राज्य के मुखिया माननीय भूपेश बघेल जी ने किया है।

इन्होंने यहां छत्तीसगढ़ी ओलंपिक का आयोजन किया जिसकी कल्पना आज तक किसी ने नहीं की थी। मंचीय कार्यक्रम के पश्चात मुख्यमंत्री जी मठपारा में घर- घर जाकर छेरछेरा मांगते हुए नजर आए! इस बीच मोहल्ले के लोगों ने उनका बहुत स्वागत, सत्कार किया। छोटे-छोटे बच्चे मुख्यमंत्री से छेरछेरा मांगने लगे मुख्यमंत्र ने एक हजार रूपय बच्चों को छेरछेरा प्रदान करते हुए कहा कि इसे आपस में बांट लेना। मोहल्ले के ही कुछ बच्चे मंच में माला लेकर मुख्यमंत्री को पहनाने के लिए आगे बढ़े सुरक्षा अधिकारियों ने रोका तब मीडिया प्रभारी निर्मल दास वैष्णव इशारा करते हुए आग्रह किया कि बच्चों को आने दीजिए ये साहब के स्वागत के लिए आ रहे हैं, मुख्यमंत्री ने उनका माला स्वीकार किया और उनके साथ फोटो भी खींचवाया।

इस अवसर पर विशेष रूप से मुख्यमंत्री के विशेष सलाहकार प्रदीप शर्मा, महापौर एजाज ढेबर, पूर्व महापौर प्रमोद शर्मा,विधायक बिरस्पत सिंह, तेलीघानी बोर्ड के अध्यक्ष संदीप साहू, पंकज शर्मा, सुशील ओझा, सुखराम दास जी सहित अनेक गणमान्य जन तथा नगर, जिला एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारी गण उपस्थित थे।

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