रायपुर। राजभवन में आरक्षण बिल लटकने पर भाजपा पर कड़ा प्रहार करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार के द्वारा 93 प्रतिशत आबादी को जो 76 प्रतिशत आरक्षण का अधिकार दिया है अगर वह राजभवन में लटकी हुई है तो उसके लिए मात्र भारतीय जनता पार्टी जिम्मेदार है। अमित शाह, ओम माथुर ने भी आरक्षण संशोधन बिल पर एक शब्द भी बोलना मुनासिब नहीं समझा। यह भाजपा के अंदर के चोट को प्रदर्शित करता है। भाजपा के दबाव में ही आरक्षण संशोधन बिल पर हस्ताक्षर नहीं हो रहा है। राजभवन में आज भी आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर नहीं हुआ है। इससे स्पष्ट हो गया कि भाजपा प्रदेश के युवाओं के आरक्षण और रोजगार, की विरोधी है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने आदिवासी वर्ग को 32 प्रतिशत एससी वर्ग को 13 प्रतिशत ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत एवं ईडब्ल्यूएस के दायरे में आने वालों को 4 प्रतिशत आरक्षण देने का बिल पास किया है। इस बिल से प्रदेश के इन वर्गों के जीवन में परिवर्तन आया शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार एवं उनके सामाजिक स्तर पर बदलाव आएगा और वह प्रदेश के नेतृत्व करेंगे। भाजपा नहीं चाहते कि इन वर्गों के सामाजिक स्तर पर सुधार आए जीवन पर परिवर्तन आए और वह नेतृत्व कर सके इसीलिए भाजपा मिलकर राजभवन में आरक्षण बिल को रोकी है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि जब सदन में आरक्षण बिल को पास किया गया। उसी दौरान उसे लोकसभा की नववी सूची अनुसूची में शामिल कराने के लिए संकल्प भी पारित किया गया। अब भाजपा सांसदों की जिम्मेदारी है कि प्रदेश के 76 प्रतिशत आरक्षण को 9वीं सूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाएं। लेकिन भाजपा जो कि आरक्षण का विरोध कर रही है। इसलिए वह राजभवन के आड़ में छुपकर यहां आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर होने से रोक रही है और नवमी अनुसूची में शामिल करने के लिए अब तक भाजपा के सांसदों ने कोई प्रयास भी नहीं किया है। पूरा प्रदेश भाजपा के आरक्षण विरोधी चरित्र को देख रही हैं। कांग्रेस की सरकार आरक्षण का अधिकार देकर 93 प्रतिशत लोगों के जीवन में परिवर्तन करने आगे बढ़ चुकी है।