नगर घड़ी को देखकर प्रदेशवासियों को स्व. मंडल की सदैव याद आएगी…
रायपुर/ आरडीए. व म. प्र. राज्य परिवहन निगम के पूर्व अध्यक्ष व सतनामी समाज के लौह पुरुष कहलाने वाले गुरु घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के संस्थापक अध्यक्ष स्व. नरसिंह मंडल जी की 10 वीं पुण्यतिथि पर मंगलवार को “स्मृति दिवस समारोह” का आयोजन किया गया जहां बड़ी संख्या में समाज के लोगों ने न्यू राजेंद्रनगर में एकत्रित होकर उनकी आदमकद प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके कृतित्व को याद करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
“नरसिंह मंडल अमर रहे” की जयघोष करते हुए सतनामी समाज के लोगों ने सदैव उनके आदर्शो पर चलने का संकल्प लिया इस दौरान उसकी स्मृति में समाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर कार्यक्रम की मुख्य अतिथि अनुसूचित जाति आयोग की उपाध्यक्ष (राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त) श्रीमती पदमा घनश्याम मनहर ने कहा कि प्रतिमा उनकी स्थापित होती है जो आदर्श एवं पूजनीय होते हैं उनमें से एक स्व. मंडल जी थे जिन्होंने समाज सेवा को ही लक्ष्य मानकर अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। उनकी प्रतिभा, त्याग ,कर्मठता व सेवा की भावना सदैव हम सबको प्रेरणा देती रहेगी ।
अध्यक्षता कर रही नगरीय प्रशासन एवं श्रम मंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती शकुन डहरिया ने कहा कि स्व. मंडल जी इच्छाशक्ति के धनी थे, आज समाज उनके पद चिन्हों पर चलकर आगे बढ़ रहा है वे सामाजिक समरसता के प्रतीक थे।
विशिष्ट अतिथि रायपुर जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री पंकज शर्मा, पद्मश्री डॉ. राधेश्याम बारले , पूर्व सांसद श्री गोविंद राम मिरी व मुंबई से आए श्री दिनेश साध आदि ने एक स्वर में कहा कि स्व मंडल द्वारा 1995 में बनाये गए राजधानी की शान “नगर घड़ी” आज पूरे प्रदेश में प्रख्यात है जिसका नामकरण गुरु घासीदास चौक किया गया, जब .जब लोगों की निगाहें घड़ी पर पड़ेगी तब- तक उनकी बरबस याद आती रहेगी।
कार्यक्रम में अध्यक्ष के.पी. खण्डे, महासचिव डॉ. जे.आर. सोनी, डी.एस. पात्रे , सुंदरलाल जोगी, ए .एल .जोशी, , सुंदरलाल लहरे, जी.आर. बाघमारे ,लक्ष्मीकांत गायकवाड,चेतन चंदेल ,अरुण मंडल, पं. अंजोर दास बंजारे ,टिकेंद्र बघेल ,सुखनंदन बंजारे, प्रकाश बंदे, मानसिंह गिलहरे, मनीष कोसरिया, नंदू मारकंडे, रघुनाथ भारद्वाज, बाबा डहरिया, गुलाब महिलांग, घासीदास कोसले, सी.एल.रात्रे, डीडी. भारती, पप्पू बघेल , आसाराम लहरें, सनत गिलहरे, शत्रुघन रात्रे, डी.पी. जोशी ,श्रीमती उषा बारले, श्रीमती अमृता बारले ,अंजली बरमाल, चित्रा जांगड़े, शशिबाला सोनकेवरें, ममता कुर्रे ,अनीता भतपहरी, अमरौतिन भतपहरी सहित बड़ी संख्या में सतनामी समाज के लोग मौजूद थे।