रायपुर, उभयलिंगी समुदाय का विकास कर उन्हें मुख्यधारा में शामिल करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार कई योजनाएं संचालित कर रही है। उभयलिंगी समाज के लिए राज्य सरकार की कोशिशों का सफल परिणाम है कि उभयलिंगी समुदाय के 22 व्यक्तियों का चयन पुलिस में हुआ है। उभयलिंगी वर्ग को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में शामिल करने का प्रस्ताव भी रखा गया है। राज्य सरकार उभयलिंगी समुदाय के साथ है। उभयलिंगी समुदाय स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़े और कौशल उन्नयन कर अपना भविष्य उज्जवल बनाए। राष्ट्रीय कार्यशाला में उभयलिंगी समुदाय के बीच चर्चा और मंथन के निष्कर्ष पर राज्य स्तर पर उनके लिए नीतियां बनाने में मदद मिलेगी। समाज कल्याण मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया ने यह बात आज रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित उभयलिंगी व्यक्तियों के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं और विकास कार्यक्रमों पर केन्द्रित राष्ट्रीय कार्यशाला सह सांस्कृतिक कार्यक्रम में कही।
कार्यशाला का आयोजन समाज कल्याण विभाग द्वारा किया गया, जिसमें नौ राज्यों राजस्थान, ओडिशा, केरल, बिहार, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, दिल्ली सहित छत्तीसगढ़ के उभयलिंगी समुदाय के लगभग एक हजार प्रतिनिधि और प्रतिभागी शामिल हुए। कार्यक्रम में उभयलिंगी व्यक्तियों के स्वास्थ्य, शिक्षा, पुनर्वास और सामाजिक स्थिति संबंधी विषयों पर चर्चा की गई। इस अवसर पर शासकीय दिव्यांग महाविद्यालय रायपुर के विद्यार्थियों ने गीतों की सुमधुर प्रस्तुति दी। इस अवसर पर उभयलिंगी समुदाय के पुलिस और बस्तर फाईटर्स में नियुक्त आरक्षकों ने राज्य सरकार का उनके सहयोग के लिए आभार प्रदर्शित किया।
*समुदाय के 3060 का चिन्हांकन*
समाज कल्याण विभाग के सचिव श्री भुवनेश यादव ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा उभयलिंगी समुदाय के सामाजिक और आर्थिक पुनर्वास के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। अब तक राज्य में 3060 उभयलिंगी चिन्हांकित किए गए हैं, जिन्हें पहचान पत्र जारी किया जा रहा है। राज्य के विभिन्न जिलों में उभयलिंगी समुदाय के लिए सामुदायिक भवनों के निर्माण के लिए भूमि का चिन्हांकन भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा अंतर्विभागीय समन्वय कर उभयलिंगी व्यक्तियों को विभिन्न शासकीय योजनाओं का लाभ पहुंचाने के उददेश्य से समाज कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में उभयलिंगी कल्याण बोर्ड का गठन किया गया है। सभी जिलों में जिला स्तरीय समितियों का गठन किया गया है। उभयलिंगी व्यक्तियों की गतिविधियों तथा नवाचार को बढ़ावा देने के उददेश्य से टॉस्क फोर्स का गठन भी किया गया है।
विभाग द्वारा पुलिस सेवा भर्ती परीक्षा में चयन कराने के लिए उभयलिंगी व्यक्तियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप 13 उभयलिंगी व्यक्तियों का पुलिस आरक्षक और 09 उभयलिंगी व्यक्तियों की नियुक्ति बस्तर फाईटर्स के लिए हुई है। उभयलिंगी व्यक्तियों की सेक्स रिएसाइनमेन्ट सर्जरी (एस.आर.एस.) के सम्बन्ध में राज्य नीति का निर्माण किया गया है। जिसे जल्द ही लागू किया जायेगा। डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय, रायपुर में निःशुल्क एस.आर.एस. की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इसी तरह प्रत्येक गुरुवार को एक घण्टा ओ.पी.डी. की सुविधा भी प्रारंभ की गई है।
श्री यादव ने बताया कि राज्य सरकार ने उभयलिंगी समुदाय को शिक्षित करने के लिए आरक्षण का भी प्रावधान किया है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा शासकीय और अशासकीय महाविद्यालयों की कक्षाओं में प्रवेश के लिए स्वीकृत सीट के विरूद्ध 3 प्रतिशत् आरक्षण का प्रावधान रखा गया है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालयों में संचालित पाठ्यक्रम अंतर्गत उभयलिंगी व्यक्तियों से सम्बन्धित जानकरी को सम्मिलित किया गया है। इससे विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों तथा समाज में उभयलिंगी व्यक्तियों के प्रति सकारात्मक सोच विकसित हो रही है। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल, रायपुर द्वारा राज्य के उभयलिंगी परीक्षार्थियों को हाई स्कूल तथा हायर सेकेण्डरी स्कूल परीक्षा के शुल्क में छूट दी गई है।
छत्तीसगढ़ शासन कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग द्वारा शासकीय पॉलिटेकनिक तथा इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में पात्रताधारी उभयलिंगी व्यक्तियों को शिक्षण-प्रशिक्षण के लिए प्रवेश दिया जाता है। महिला एवं बाल विकास विभाग के अधीन गठित महिला कोष के माध्यम से उभयलिंगी व्यक्तियों को कम ब्याज दर पर स्वरोजगार के लिए ऋण प्रदान किया जा रहा है। अब तक 25 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। उन्होंने उभयलिंगी समुदाय से इन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लेने की अपील की।