रायपुर/ भारतीय जनता पार्टी लोकतांत्रिक आंदोलन की आड़ में प्रदेश में हिंसा फैलाना चाहती है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि विधानसभा घेराव के आंदोलन के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने अपने ही द्वारा लाई गयी भीड़ को उकसा कर प्रदर्शन को हिंसक बनाने का षड़यंत्र रचा था। भाजपा नेता सत्ता पाने के लिये अपने कार्यकर्ताओं की बलि लेने पर उतारू थे। भाजपा चाहती थी आंदोलन में लाठीचार्ज हो, गोलीबारी हो, लोग हताहत हो, घायल हो ताकि वह सरकार को बदनाम करने का मौका पा सके। पुलिस ने भाजपा नेताओं के आततायी आचरण और उकसावे वाली कार्यवाही के बाद भी पुलिस के अधिकारियों और जवानों के संयम की तारीफ की जानी चाहिये। उन्होंने पूरी निष्ठा से कानून और कर्तव्य के पालन के लिये शांतिपूर्वक काम किया।
पहली बार नहीं है जब भाजपा के आंदोलन में हिंसा फैलाने पुलिस से मारपीट और उकसाने की कार्यवाही की गयी। इसके पहले मुख्यमंत्री निवास घेराव के भाजयुमो के आंदोलन में भी भाजपा नेताओं ने पुलिस अधिकारियों और महिला अधिकारियों से मारपीट किया था। भाजपा के पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने पुलिस अधिकारियों को गंदी गालियां देकर उकसाया था, विधानसभा घेराव में भी भाजपा का वही आचरण दिखा।
*प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने भाजपा से पूछाः-*
1 भाजपा बतायें कि विधानसभा घेराव के दौरान भाजपा के कार्यकर्ता लाठी और धारदार हथियार लेकर आंदोलन में क्यों आये थे?
2 भाजपा के कार्यकर्ताओं ने पुलिस द्वारा लगाये गये बेरिकेट को क्यों तोड़ा गया?
3 बड़ी संख्या में भाजपा के कार्यकर्ता बेरिकेटिंग के लिये लगाये गये लोहे की शीट को तोड़कर प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश क्यों किया? लोहे की शीट को तोड़ने के दौरान पुलिस के जवानों से मारपीट क्यों किया गया?
4 भाजपा के नेताओं द्वारा विधानसभा के पास के शहीद उद्यान की घेरे को क्यों तोड़ा गया? उद्यान के घेरे को तोड़कर भाजपा के नेता क्या साबित करना चाहते थे?
5 भाजपा के नेता आधा दर्जन से अधिक पुलिस अधिकारियों को अलग-अलग टारगेट करके हमला क्यों किया गया? पुलिस अधिकारियों को धकियाते, गाली-गलौज करते, मारपीट करते भाजपा के पदाधिकारी साफ वीडियो में दिख रहे है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रजातंत्र में आंदोलन और विरोध प्रदर्शन घेराव प्रतीकात्मक होता है। भाजपा के प्रदर्शन से साफ झलक रहा था, भाजपा प्रदर्शन के माध्यम से आतंक फैलाना चाह रही थी। यह सभी को मालूम है कि भीड़ लेकर विधानसभा न कब्जा किया जा सकता है और न ही विधानसभा में घुसा जा सकता है। भाजपा के विरोध का मंतव्य बेरिकेटिंग तक पहुंच कर पूरा हो चुका था फिर भाजपा के नेता किन उद्देश्यों से पुलिस पर हमला कर रहे थे, मारने-पीटने पर उतारू थे?
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा को मालूम था उसका प्रधानमंत्री आवास का मुद्दा काल्पनिक है और यह मुद्दा उतना प्रभावी नहीं होगा इसीलिये वह आंदोलन की आड़ में हिंसा करवा कर सरकार को बदनाम करना चाहती थी। भाजपा के पास कांग्रेस के 10 सवालों का जवाब नहीं है इसीलिये इन सवालों पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चुप्पी साधे हुये है।