Raipur police- पुलिस लाईन रायपुर स्थित पुलिस ट्रांजिस्ट मेस के सभाकक्ष में पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को साईबर संबंधी अपराधों के विवेचना में दक्ष करने हेतु 03 दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया गया।
कार्यशाला में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रायपुर श्री प्रशांत अग्रवाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण रायपुर श्री नीरज चंद्राकर, नगर पुलिस अधीक्षक श्री मयंक गुर्जर (भा.पु.से.), उप पुलिस अधीक्षक क्राईम श्री दिनेश सिन्हा, नगर पुलिस अधीक्षक विधानसभा श्री उदयन बेहार, नगर पुलिस अधीक्षक श्री अविनाश मिश्रा, नगर पुलिस अधीक्षक कोतवाली श्री योगेश साहू, नगर पुलिस अधीक्षक नवा रायपुर श्री जितेन्द्र चन्द्राकर, उप पुलिस अधीक्षक आई.यू.सी.ए.डब्ल्यू सुश्री ललिता मेहर सहित कई थानों के थाना प्रभारी, निरीक्षकगण एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट तथा रायपुर पुलिस के अन्य अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहें।
कार्यशाला में साईबर विशेषज्ञ श्री गोविंद राय, मुम्बई द्वारा कार्यशाला के दौरान सायबर अपराध, ऑन लाईन फ्रॉड एवं सोशल मीड़िया से संबंधित अपराधों की रोकथाम, सुरक्षा एवं बचाव हेतु अधि./कर्म. को कई महत्वपूर्ण सुझाव व अन्य जानकारियां दी गई। सायबर संबंधी अपराधों की विवेचना किस प्रकार से की जावें ताकि अज्ञात आरोपियों तक आसानी से पहुंचा जा सके, के संबंध में भी जानकारी प्रदान की गई। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर एवं अन्य एप्लीकेशनों का उपयोग, ऑन लाईन वॉलेटों जैसे पे-टीएम, भीम, गुगल-पे आदि के उपयोग सहित फ्रॉड कॉल के अज्ञात आरोपियों को चिन्हांकित करने जानकारियां दी गई, साथ ही सी.डी.आर., आई.पी.डी.आर. एनॉलिसिस सहित अन्य वेब-साईटों के संबंध में विभिन्न प्रकार के कई महत्वपूर्ण जानकारियां व टिप्स भी दी गई। व्हाट्सएप, टेलीग्रामएप्स, व्ही.ओ.आई.पी. कॉल एवं एस.एम.एस को ट्रैक करने के बारे में बताया गया, जिससे थानों के विवेचना अधिकारियों द्वारा वर्तमान में जो भी साईबर संबंधी अपराध घटित हो रहे है उनमें अज्ञात आरोपियों की पहचान कर कार्यवाही करने के साथ ही पीड़ितों के खातों में होल्ड रकम को भी वापस कराया जा सके।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य थानों में कार्यरत् अधिकारियों/कर्मचारियों को साईबर अपराधों की विवेचना में दक्ष करना रहा ताकि यदि कोई व्यक्ति साईबर अपराधों का शिकार होता है तो वह अपने नजदीकी/संबंधित थाना में जाकर मदद/सहायता प्राप्त कर सकें तथा थानों द्वारा पीड़ित को साईबर सेल न भेजकर थानों में ही उनका हर संभव मदद किया जा सके, जिससे पीड़ितों को भटकना न पड़े एवं उन्हें त्वरित राहत दिया जा सके। उक्त कार्यशाला आगामी 02 दिवस तक आयोजित की जायेगी।