नया पैंतरा अब नदी के किनारे रेत का पहाड़, दिनभर चल रही बिक्री, रात में भर रहे स्टॉक,भ्रष्टाचार की हद है – कोमल हुपेंडी

 

आम आदमी पार्टी ने लगातार पूरे प्रदेश में हो रहें बदस्तूर रेत के अवैध खनन के लिए फिर आवाज उठाई है और जनता के सामने लाते हुवे कहा है कि कैसे प्रदेश के सभी जिले के बंद रेत खदानों में अवैध खनन का काम तेजी से चल रहा है। चौकाने वाली बात यह कि खनिज माफियाओं ने रेत खोदकर भंडारण नदी के किनारे ही कर रखा है,जिससे उन्हें खनन और भंडारण में सुविधा मिल जाए इस कहते है भ्रष्टाचार मैनेजमेंट ।
न किसी को पता लगेगा और न ही भंडारण दिखाने की जरूरत ,किनारे है तो रेत नदी की है और बेचनी है तो अपनी , दिन में रेत का परिवहन होता है और रात को फिर स्टॉक उतना भर दिया जाता है। रायपुर जिला का उदाहरण ले तो खनिज विभाग ने जिले में 18 भंडारण की अनुमति दी है, लेकिन 100 से ज्यादा अवैध भंडारण केंद्री में रेत का स्टॉक करके रखा गया है। अभी भी उन्हीं सब रेत भंडारण केंद्रों से सप्लाई की जा रही है जहां पर कुछ दिन पहले कलेक्टर के निर्देश पर खनिज और राजस्व विभाग ने कार्रवाई की बात की थी। बता दें कि एनजीटी ने 10 जून22 से 15 अक्टूबर 22 तक रेत से खदानों के संचलन पर प्रतिबंध लगा रखा है। लगातार रेत खनन होने के बाद भी अब रेत की कीमत 1 रुपए फीट से 22 रुपए फीट हो गई। एक ट्रक में 700 से 800 फीट आता है जिसकी कीमत 16 से 17 हजार के आसपास हो गई है।

हरदीडीह, मुहमेला रेत खदान में खुलेआम खनन किया जा रहा है। पारागांव में नदी के किनारे रेत का अवैध पहाड़ बना दिए गए है। यहां से खुलेआम रेत की बिक्री की जा रही है। आरंग एसडीएम ने कुछ दिन पहले यहां छापा मारकर स्टॉक सील किया था। अब भी स्टॉक ज्यों का त्यों है। शुक्रवार को खनिज विभाग की टीम ऑपरेशन पर पहुंची थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हो पाई है।संघ ने अधिकारियों से मांग की थी कि यदि रेत खदान पूर्णतः बंद किया जाना है तो खदान तक जाने वाले एप्रोच रोड को तोड़े या फिर रास्ते में बड़ा गड्ढ़ा कर दिया जाए। ये उपाय इन माफिया और भ्रष्टाचारियों के गवारा नहीं और गोरख धंधा बाधित होता इसलिए ऐसा नही किया गया ।

ये सब यह तक ही सीमित नहीं है ,18 लोगों को भंडारण का लाइसेंस खनिज विभाग के द्वारा दिया गया है। विभाग के द्वारा भंडारण के लिए जिन्हें लाइसेंस दिया गया है उनके लिए रेत बेचने की कीमत नहीं तय की गई है। जिसके कारण बीते 20 दिन में रेत की कीमत दो गुना हो गई है। सरकारी कीमत भंडारण से मिलने वाली रॉयल्टी का 660 रुपर 10 घन मीटर का तय किया गया है। लेकिन भंडारणकर्ता द्वारा 2500 से 3000 रुपये रॉयल्टी के वसूले जा रहे हैं। जितने की रॉयल्टी जारी की गई है उससे तीन गुना ज्यादा भंडारण किया गया है। इस भंडारण का आंकलन नहीं किया जा रहा है। जिन जगहों पर अवैध भंडारण किया गया है। उन पर कार्रवाई के लिए टीम भेजी जा रही है और जप्पती आदि की खानापूर्ति लगातार चल रही दिखावे के तौर पर और धंधा भी बढ़िया चल रहा है।
इस तरह छत्तीसगढ़ में बदस्तूर ये खनिज सम्पदा और जनता को लूटने का कार्य लगातार जारी है।
भाजपा का शासन काल हो या कांग्रेस की सरकार दोनो हाथ में हाथ खुद के विकास में साथ साथ है।

आम आदमी पार्टी अब प्रदेश की जनता के साथ ऐसा बिल्कुल नही होने देगी और जनता की आवाज बन लगातार ऐसे अभियान चला कर जनजागरण करती रहेगी और प्रदेश सरकार को जगाते रहेगी।

 

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