अचानकमार टाइगर रिजर्व (Achanakmar Tiger Reserve) का मार्ग एक बार फिर आम लोगों के लिए पूर्णतः बंद करने का फरमान विभाग ने जारी किया है. कुछ वर्ष पहले भी एटीआर का मुख्य मार्ग आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया था. जिसके बाद से बाहरी लोगों की आवाजाही पूरी तरीके से ठप्प थी. जिसको लेकर पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष एवं लोरमी के वर्तमान विधायक धर्मजीत सिंह ने बिलासपुर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. जिसके बाद हाईकोर्ट के आदेशानुसार उक्त मार्ग को करीब डेढ़ साल बाद खोल दिया गया था. लेकिन अब पहले के तरह ही अन्य बाहरी लोगों के लिए अचानकमार टाइगर रिजर्व का मार्ग से आवागमन पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया गया है.
बता दें कि वाहनों के बढ़ते दबाव के कारण वन्यप्राणियों की गतिविधियां प्रभावित हो रही थी. जिसे गंभीरता से लेते हुए दिसंबर माह में स्टेट वाइल्डलाइफ की महत्वपूर्ण बैठक ली गई थी. जिसमें निर्णय अनुसार उक्त मार्ग को बंद करने का फैसला लिया गया था. जिसके बाद बोर्ड के सदस्यों ने प्रस्ताव पारित कर मार्ग को बंद करने का आदेश जारी कर दिया है.
हालांकि निर्णय के बाद भी टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा वनग्राम में निवासरत लोगों के परिजनों के अलावा एम्बुलेंस एवं अन्य पीडीएस वाहन को आने-जाने में पाबंदी नहीं है. लेकिन अचानकमार टाइगर रिजर्व से गुजरने वाले लोगों के लिए पूर्णता प्रतिबंधित कर दिया गया है. जानकारी के मुताबिक पहले सिर्फ स्थानीय लोग ही नहीं बल्कि बिलासपुर होकर मध्यप्रदेश के मुख्य पर्यटन केंद्र अमरकंटक के अलावा रीवा, सतना, शहडोल, और सीधे जाने वाले लोगों का आवागमन इस मार्ग से होता था.
क्या कहते हैं अधिकारी
इसको लेकर एटीआर के डिप्टी डायरेक्टर विष्णु नायर ने बताया कि स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड में पारित निर्णय के अनुसार एटीआर मार्ग बाहरी लोगों के लिए बंद कर दिया गया हैं. इसके साथ ही एंबुलेंस पीडीएस, महतारी एक्सप्रेस पहले से जारी परमिट की बसें स्थानीय ग्रामीण व उनके रिश्तेदारों के आवागमन में रोक नहीं है, ताकि वनांचल में निवास करने वाले ग्रामीणों को परेशानी ना हो.
स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड में पारित निर्णय को टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने लागू करते हुए आम लोगों की आवाजाही बंद कर दी है. इस संबंध में बैरियर कर्मचारियों को भी निर्देश दे दिया गया है. अब छोटी-बड़ी गाड़ियों को केंवची व शिवतराई बैरियर में ही रोका जा रहा है. ये दोनों एटीआर के प्रवेश बैरियर हैं. इस निर्णय से राहगीरों की परेशानी बढ़ गई है. शनिवार को भी अधिकतर राहगीरों को इन दोनों बैरियर से निराश होकर लौटना पड़ा.
क्या है Achanakmar Tiger Reserve
अचानकमार अभ्यारण्य की स्थापना 1975 में वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट-1972 के तहत की गई. 2007 में इसे बायोस्फीयर घोषित किया गया और 2009 में बाघों की संख्या के लिए अचानकमार अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व क्षेत्र घोषित किया गया. अचानकमार टाइगर रिजर्व की गिनती देश के 39 टाइगर रिजर्व में होती है. यहां बाघ, तेंदुआ, गौर, उड़न गिलहरी, जंगली सुअर, बायसन, चिलीदार हिरण, भालू, लकड़बग्घा, सियार, चार सिंग वाले मृग, चिंकारा सहित 50 प्रकार स्तनधारी जीव एवं 200 से भी अधिक विभिन्न प्रजातियों के पक्षी देखे जा सकते हैं.