कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन एवं कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि आज कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) का राष्ट्रीय रिटेल शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन ई-कॉमर्स व्यवसाय का भविष्य का तरीका है नियमों और नीतियों की तत्काल आवश्यकता क्यों है ? स्मार्ट शहरों को स्मार्ट व्यापारियों की जरूरत है। व्यापार में बीमा व्यवसाय के अस्तित्व के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है। और भारत ई-मार्ट के सम्बंध में चर्चा हुई।
कैट के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी ने बताया कि राष्ट्रीय रिटेल शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन ई-कॉमर्स व्यवसाय का भविष्य का तरीका है नियमों और नीतियों की तत्काल आवश्यकता क्यों है ? स्मार्ट शहरों को स्मार्ट व्यापारियों की जरूरत है। व्यापार में बीमा व्यवसाय के अस्तित्व के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है। और भारत ई मार्ट के सम्बंध में चर्चा हुई। श्री पारवानी ने आगे कहा कि भारत के ई-कॉमर्स बाजार में हो रही तेजी से वृद्धि के मद्देनजर देश भर के व्यापारियों ने ई कॉमर्स को व्यापार के एक अतिरिक्त विकल्प के रूप में अपनाने की इच्छा जाहिर की है व्यापारियों को लगता है कि ई-कॉमर्स में माल बेचने के लिए विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों की लगातार जारी कुप्रथाओं और नियमों के घोर उल्लंघन से व्यापारियों को परेशानी हो रही है। व्यापारियों ने कहा है कि देश में ई कॉमर्स व्यापार को निष्पक्ष एवं पारदर्शी बनाने के लिए ई-कॉमर्स नीति एवं ई कॉमर्स से संबंधित उपभोक्ता क़ानून को संशोधित कर तुरंत लागू करना बेहद जरूरी है भारत में ई-कॉमर्स व्यवसाय के लिए एक मजबूत मॉनिटरिंग अथॉरिटी का गठन बेहद जरूरी है।
श्री पारवानी ने आगे कहा कि ई- कामर्स पोर्टल पर कैट द्वारा 30 अक्टूबर 2020 को श्भारत ई -मार्ट पोर्टल श् शुरूआत की गई थी। जिसमे देश के सभी छोटे बड़े व्यापारी अपनी दुकान खोल सकते है। जो कि पूर्णतः निःशुल्क है इसमे व्यापारियों को किसी भी प्रकार का कमीशन नहीं देना होगा। भारत ई-मार्ट पोर्टल भारत के व्यापारियों का ,व्यापारियों के द्वारा तथा व्यापारियों और उपभोक्ताओं के लिए, वाले मूल सिद्धांत पर आधारित है। भारत ई-मार्ट पोर्टल में निर्माता से लेकर आखिरी उपभोक्ता तक की वर्तमान व्यवसाय पद्धति जो अभी ऑफलाइन में चल रही है, का उसी प्रकार से एलेक्ट्रॉनिकीकरण किया गया है। इससे जहाँ एक तरफ ऑनलाइन पर वर्तमान सप्लाई चेन को बल मिलेगा तो वही दूसरी ओर देश भर के व्यापारियों की निजी दुकानों के व्यापार में बड़ी वृद्धि होगी। इस पोर्टल के जरिये अब भारत के व्यापारियों की दुकाने 24 घंटे खुली रहेंगी।
श्री पारवानी ने आगे कहा कि “स्मार्ट सिटी“ तकनीक ऊर्जा, पानी, परिवहन/गतिशीलता, सार्वजनिक सुरक्षा, भवनों और वास्तुशिल्प सेवाओं, और सार्वजनिक ब्रॉडबैंड और ऐप्स जैसी डिजिटल सेवाओं सहित उद्योगों में उत्पादों और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला को संदर्भित करती है। स्मार्ट शहरों का विकास काफी हद तक इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी तकनीकों द्वारा संचालित होता है, जिसे मोटे तौर पर इंटरनेट से जुड़े सेंसर या एक्चुएटर के रूप में परिभाषित किया जाता है स्मार्ट शहरों और इंटरनेट ऑफ थिंग्स की वृद्धि सूचना को संवेदन, संचार और विश्लेषण के पहलुओं पर केंद्रित आईसीटी कंपनियों के लिए व्यावसायिक अवसर प्रदान करती है।
श्री पारवानी ने आगे कहा कि छोटे व्यवसायों के लिए ये सबसे बड़े बीमा जोखिम हैं जिन्हें आपको एक उद्यमी के रूप में देखने की आवश्यकता है। सभी व्यवसाय बीमा जोखिमों का सामना करते हैं, लेकिन आपकी कंपनी जिन विशिष्ट जोखिमों का सामना करती है, वे उद्योग, स्थान और प्रौद्योगिकी उपयोग जैसे कारकों पर निर्भर करते हैं। बीमा जोखिमों के उदाहरणों में डेटा उल्लंघन, संपत्ति की क्षति और निर्माण संबंधी समस्याएं शामिल हैं। व्यवसाय बीमा और अन्य उपाय आपके जोखिम के स्तर को कम कर सकते हैं। एक छोटा व्यवसाय चलाने का अर्थ है अपने आप को एक निश्चित मात्रा में जोखिम में डालना। यदि समस्याएँ आती हैं, तो गिरावट को संभालने के लिए आपको सुरक्षा उपायों की आवश्यकता होती है। हालांकि कुछ नुकसान और चुनौतियों से बचा नहीं जा सकता है, लेकिन उचित सावधानियों, योजना और बीमा कवरेज से उन्हें कम किया जा सकता है।
श्री अमर पारवानी ने आगे कहा कि उपभोक्तावाद के वर्तमान युग में, उत्पाद चुनने में उपभोक्ताओं के लिए विज्ञापन एक बड़ी भूमिका निभाते हैं। इसलिए, यह आवश्यक है कि विज्ञापन नकली या झूठा न हो और साथ ही ब्रांड का समर्थन करने वाली हस्तियों को भी किसी उत्पाद का विज्ञापन करते समय सावधान रहना चाहिए। भ्रामक विज्ञापन उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 2 (28) के तहत अपराध हैं, लेकिन किसी भी दिशा-निर्देश के अभाव में, ऐसे अपराधों पर कभी ध्यान नहीं दिया गया जिससे उपभोक्ताओं को धोखा दिया जा रहा है। व्यापारी तो केवल सामान बेचता है। उस कार्यवाही नहीं करनी चाहिए। जहॉ से सामान को उत्पादन होता है। उस कम्पनी पर कार्यवाही होनी चाहिए। कैट ऐसी पॉलिसी बना रहा है। जो कि व्यापारियों को सुरक्षित रखेगा। श्री पारवानी ने आगे कहा कि कई ऐसे पुराने कानूनों को समाप्त किया जाना चाहिए जो कि व्यापारी के हित मे नहीं। जीएसटी रिर्टन भरने में बहुत सारे प्रावधान है। क्या व्यापारी सिर्फ रिर्टन भरते रहेगा या अपना व्यापार भी करेगा। सैम्पलिंग टेस्ट लैब की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण व्यापारियों अधिक फीस भरना होता है। जो कि उचित नहीं है।
राष्ट्रीय रिटेल शिखर सम्मेलन कैट के पदाधिकारी , युवा टीम के पदाधिकारी एवं चैम्बर के पदाधिकारी मुख्य रूप उपस्थित रहे :- अमर पारवानी, परमानन्द जैन, वासु माखीजा, सुरिन्द्रर सिंह, भरत जैन, अवनीत सिंह, अमर धींगानी, विजय पटेल, महेन्द्र कुमार बागरोडिया, प्रीतपाल सिंह बग्गा, सूरज उपाध्याय, नीलेश मुंदडा, कान्ति पटेल, भगवान दास अग्रवाल, शंकर बजाज,, दीपक विधानी, विक्रांत राठौर, भूपेन्द्रर सिंह खालसा, परविन्द्रर सिंह, सर्वेश दौलतानी, एवं सुरेन्द्रर सिंह आजमानी आदि।