पीथमपुर, मध्य प्रदेश | रिन्युएबल एनर्जी क्षेत्र में प्रमुख कंपनी शक्ति पंप्स को अजमेर विद्युत वितरण निगम के द्वारा पीएम-कुसुम स्कीम कम्पोनेन्ट-सी के तहत अपना पहला 149.7 करोड़ रुपये का कमर्शियल ऑर्डर प्राप्त हुआ। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि सौलर एनर्जी के उपयोग के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है जो ऊर्जा और कृषि पद्धतियों को आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में कार्य करती है।
इस परियोजना में अकुशल विद्युत पंपों को BLDC सोलर पंपसेटों से बदला जाएगा जहां पंपसेट सौलर एनर्जी के माध्यम से उत्पन्न बिजली पर चलेंगें और शेष बिजली को ग्रिड में भेजा जा सकेगा, शेष बची हुई बिजली को डिस्कॉम को बिक्री करने से किसानों को कमाई का अवसर भी प्राप्त होगा।
सरकार की पहल परिवर्तनकारी प्रयास
शक्ति पंप्स के चेयरमैन दिनेश पाटीदार जी ने सरकार की पहल की सराहना करते हुए कहा, ‘‘यह परिवर्तनकारी प्रयास ‘अन्नदाता’ को ‘ऊर्जा दाता’ में बदल देगा। पम्पसेट की कास्ट 10 लाख रुपये है और प्रतिवर्ष 2 लाख रुपये की बिजली बचाकर डिस्कॉम अपने पंपसेट की कास्ट को 5 साल में रिकवर कर पाएगा और साथ ही यह किसानों को कई तरह से सहायता प्रदान करेगा जैसे- 2 लाख तक की सालाना बिजली बिल की बचत और डिस्कॉम को शेष बिजली बेचकर 50 हजार रुपये प्रतिवर्ष और पांच वर्षों में 2.5 लाख रुपये तक कमाने का अवसर प्राप्त होगा। यह स्कीम किसानों की सिंचाई क्षमताओं को बढ़ाता है और पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम करता है, जिससे पूरे देश में किसानों को ऊर्जा सुरक्षा प्राप्त होगी।‘‘ (यह सेविंग कैल्कुलेशन कंपनी के इंटर्नल डिपार्टमेन्ट ने 10 एचपी के पम्पसेट पर की गई है) |
इंस्टॉल कैपेसिटी को पूर्ण करने में भारत की मदद
इस योजना से डिस्कॉम को किसानों से 3 रुपये प्रति यूनिट पर बिजली खरीदने और इसे 6 रुपये प्रति यूनिट पर बेचने का अवसर प्राप्त होगा। जिससे डिस्कॉम पर टैरिफ सब्सिडी का बोझ कम होगा। यह सिस्टम स्थानीय रूप से इंस्टॉल किया जाएगा और डिस्कॉम के वितरण नेटवर्क से जुड़ा होगा। जिसके कारण ग्रिड के संचालन में आसानी होगी एवं टी एंड डी लॉस में कमी आएगी। ऊर्जा दक्षता और राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देने मे और डिस्कॉम को अपने आरपीओ दायित्व को पूरा करने और सोलर को जोड़कर कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में मदद मिलेगी। यह स्कीम 2030 तक नॉन-फॉसिल फ्यूल (Non-Fossil Fuel)के सोर्सों से 40% तक की इंस्टॉल कैपेसिटी को पूर्ण करने में भारत की मदद करेगी।
सौलर पंपिंग सिस्टम से जुड़ा ग्रिड एक साथ ऑपरेट करने में सक्षम होगा यानी एक ही समय में पंप का संचालन और ग्रिड को ऊर्जा एक्सपोर्ट करने में आसानी होगी, इससे ग्रिड में अधिक ऊर्जा भेजी जा सकेगी जिससे किसानों को अधिक आय प्राप्त होगी साथ ही पर्यावरण प्रदूषण कम होगा और कृषि क्षेत्र का आधुनिकीकरण होगा। यह माइक्रो एरिगेशन, (Per drop more crop),के माध्यम से किसानों और पूरे देश की प्रगति में एक महत्वपूर्ण रोल निभाएगा, जिससे अधिक फसल, अच्छी उपज, गुणवत्ता और कृषि उपज की अच्छी कीमत प्राप्त होगी। शक्ति पंप्स को इस परिवर्तनकारी पहल में भाग लेने पर गर्व है और वह भारत के भविष्य में योगदान देने के लिए तत्पर है।