रायपुर, मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ का शुभारंभ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हरेली के अवसर पर अपने आवास परिसर से रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और अपनी शुभकामनाएं दी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री कार्यक्रम की शुरूआत छत्तीसगढ़ के राजगीत से हुई। ‘‘बात हे अभिमान के महिला मन के सम्मान के’’ सूत्र वाक्य के साथ यह यात्रा शुरू हुई। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की पहल पर प्रदेश की महिलाओं को उनके संवैधानिक अधिकारों और कानूनों की जानकारी देकर जागरूक करने और उनमें आत्मविश्वास बढ़ाने के उद्देश्य से यह न्याय रथ यात्रा शुरू की गई है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री श्री बघेल ने ’मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ’ को दुर्ग जिले में पाटन ब्लाक के करसा से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रथ दुर्ग जिले के महिला बाल विकास विभाग के आठ सेक्टरों में भ्रमण करेगा। यह रथ प्रत्येक सेक्टरों में दो दिन भ्रमण करेगा।रथ के शुभारंभ के पहले दिन मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र के ग्राम करसा, जामगांव एम्, अमलेश्वर में महिलाओं को जागरूक किया। आज महतारी न्याय रथ तेलीगुंडरा, असोगा, रानीतराई और झीठ में महिलाओं को उनके विधिक अधिकारों से जागरूक करा रहा है इसी तरह कल दरबारमोखली, जामगांव आर, गाडाडीह और सेलूद में महिलाओं को जागरूक करेगा। भ्रमण के दौरान रथ के माध्यम से राष्ट्रीय विधिक जागरूकता पर बनी चयनित और पुरस्कृत लघु फिल्मो को उच्च न्यायालय के माननीय न्यायधीश गौतम भादुरी की अनुमति से दिखाया जा रहा है। इसमे मुख्यरूप से भोर के किरण- (टोनही प्रताड़ना), नन्ही परी- (भ्रूणहत्या), कैसे कहूं ना- (नशामुक्ति), ‘‘बोलते दरख्त’’ – (मानव तस्करी), भंवर – साइबर क्राईम, खुशी – (पास्को एक्ट,घरेलु हिंसा गुडटच, बैडटच), फुलवा – (घरेलु हिंसा और नशा), ‘‘अधिकार किसका’’- प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण, दहेज, स्त्री शिक्षा, नाबालिक – अवयस्क विवाह, घर से भाग जाना, सार्थक – बालश्रम (बधुंवा मजदूर) जैसे फिल्मों को दिखाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ यात्रा राज्य महिला आयोग के माध्यम से संचालित की जा रही है। यह रथ सभी जिलों के गांव-गांव तक भ्रमण कर लोगों को शॉर्ट फिल्मों, संदेशों और ब्रोशर के माध्यम से महिलाओं के कानूनी प्रावधानों और उनके संवैधानिक अधिकारों के बारे में अवगत कराएगा। प्रथम चरण में रथ प्रदेश के नौ जिलों में जाएगा। इसकी शुरूआत दुर्ग जिले से होगी। इस अभियान के तहत महिलाओं को निःशुल्क कानूनी सहायता भी दी जाएगी। प्रत्येक महतारी न्याय रथ में 2 अधिवक्ता भी होंगे, जो महिलाओं की समस्याओं को सुनकर उन्हें जानकारी और सलाह देंगे। न्याय रथ के माध्यम से महिलाएं आवेदन भी दे सकेंगी। प्राप्त आवेदनों का महिला आयोग द्वारा निराकरण किया जाएगा। रथ में बड़ी एलईडी स्क्रीन में छत्तीसगढ़ी और हिंदी भाषा की विभिन्न कानूनों से संबंधित राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत लघु फिल्में दिखाई जाएंगी। महतारी न्याय रथ का संचालन डीएमएफ राशि से किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश सरकार ने डीएमएफ पॉलिसी में विशेष बदलाव किए हैं।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने बताया कि शिक्षित, अशिक्षित, गृहणी, नौकरी कर रही सभी महिलाओं को महिला आयोग के कार्यो और महिलाओं के लिए बनाए गए कानूनों, नियमों और उनके अधिकारों को जानना बहुत जरूरी है। इसके लिए हरेली तिहार से मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ की शुरूआत हुई है। महतारी न्याय रथ के माध्यम से बताया जाएगा कि महिलाएं अपनी समस्याओं के समाधान और निःशुल्क तथा त्वरित न्याय पाने के लिए महिला आयोग में किस तरह आवेदन कर सकती हैं। इससे पहले भी महिला आयोग ने वाट्सएप नंबर 9098382225 जारी किया है, जिसके माध्यम से महिलाएं आयोग में अपनी शिकायत दर्ज करा रही हैं।
श्रीमती नायक ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की माताओं और बहनों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से सशक्त बनाने के लिए बीते साढ़े तीन वर्षों में राज्य सरकार ने विभिन्न स्तरों पर अनेक योजनाएं संचालित की हैं। हमारी इन योजनाओं की सफलता पूरे देश में उदाहरण बनी है। अब एक कदम और बढ़ते हुए एक नयी योजना की शुरुआत की जा रही हैं। यह योजना देश में अपनी तरह की पहली योजना होगी। इससे महिलाएं जागरूक होंगी और उनमें आत्मविश्वास बढ़ेगा। महिलाओं को कानूनी अधिकारों की जानकारी से राज्य में महिलाओं के साथ होने वाली अपराधों में कमी आएगी।
प्रथम चरण में नौ जिलों में पहुंचेगा न्याय रथ
मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ शुरूआत में खनिज न्यास निधि प्राप्त करने वाले नौ जिलों दुर्ग, रायपुर, राजनांदगांव, बलौदाबाजार-भाटापारा, महासमंुद, जांजगीर-चांपा, गरियाबंद, धमतरी, कांकेर में जाएगा। इसके बाद प्रदेश के बाकी जिलों में न्याय रथ यात्रा शुरू होगी।