नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ले ली है, और अब सबकी निगाहें लोकसभा स्पीकर की कुर्सी पर टिकी हैं। 18 जून से संसद का ग्रीष्मकालीन सत्र शुरू होने जा रहा है, जिसमें नए लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव भी होना है। NDA की सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते BJP खुद अपना स्पीकर बनाना चाहती है।
डी. पुरंदेश्वरी, जिन्हें दक्षिण की ‘सुषमा स्वराज’ कहा जाता है, इस पद के लिए सबसे आगे मानी जा रही हैं। 22 जनवरी 1959 को जन्मीं दुग्गुबाती पुरंदेश्वरी आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और दक्षिण के कद्दावर नेता एनटी रामाराव की दूसरी बेटी हैं। उन्होंने शुरुआती पढ़ाई चेन्नई के सेक्रेट हार्ट मैट्रिकुलेशन हायर सेकेंडरी स्कूल से की और फिर चेन्नई के साउथ इंडियन एजुकेशनल ट्रस्ट एंड वूमेन कॉलेज से BA लिटरेचर की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने जेमोलॉजी में डिप्लोमा हासिल किया और 1997 में हैदराबाद इंस्टीट्यूट ऑफ जेम्स एंड ज्वेलरी की स्थापना की।
पुरंदेश्वरी पहले कांग्रेस में थीं और UPA-2 सरकार में मानव संसाधन एवं विकास राज्य मंत्री के रूप में सेवा दी थी। 2012 में मनमोहन सिंह सरकार ने उन्हें वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री का पद सौंपा। जब कांग्रेस सरकार ने आंध्र प्रदेश को विभाजित कर दो राज्य बनाने का फैसला लिया, तो पुरंदेश्वरी नाराज होकर 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हो गईं।
बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्हें पहले महिला मोर्चा का प्रभारी बनाया गया और लगातार प्रमोशन मिलता रहा। 2020 में उन्हें उड़ीसा का प्रभारी बनाया गया और फिर आंध्र प्रदेश का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। अपने सौम्य स्वभाव के लिए पुरंदेश्वरी देवी को दक्षिण का सुषमा स्वराज कहा जाता है।
इस प्रकार, डी. पुरंदेश्वरी के लोकसभा स्पीकर पद के लिए सबसे आगे होने की संभावना है, जिससे यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वह इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त होती हैं।