रायपुर। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज शहरवासियों को उनके वार्ड में बुनियादी सुविधाएं सुलभ कराने आयोजित “मोर महापौर-मोर द्वार“ के अंतर्गत आयोजित शिविर में सम्मिलित हुए। उन्होंने कहा कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक शासकीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों की पहुंच सुनिश्चित करने में यह कार्यक्रम प्रभावी रहा है। उन्होंने रायपुर नगर निगम के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि संवेदनशील सोच से दिव्यांग, वृद्ध, महिलाओं व बच्चों की सेवा के लिए उठाया गया यह कदम आत्म स्वावलंबन की दिशा में मील का पत्थर है। इस दौरान उन्होंने उत्कृष्ट सेवा देने वाले जिला प्रशासन के विभिन्न विभागों एवं नगर निगम के अधिकारियों, कर्मचारियों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने अवैध निर्माण के नियमितीकरण की 25 प्रतिशत राशि निकायों को देने की घोषणा भी इस कार्यक्रम में की है। रायपुरवासियों के जरूरतों को पूरा करने 10 करोड़ रूपये राशि की स्वीकृति भी उन्होंने इस मंच से की।
स्थानीय नेताजी सुभाष स्टेडियम में आयोजित शिविर को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि अब लोगों को आय, जाति, निवास, शादी का रजिस्ट्रेशन जैसे कागजों के लिए दफतरों के चक्कर नहीं काटने पड़ते, इसके लिए हमने मितान योजना शुरू की हैं। अब इनके जैसे 13 सेवाएं लोगों को घर बैठे मिल रही है। मुख्यमंत्री रायपुर नगर निगम क्षेत्र में आम जनों की समस्याओं को जानने और उनके मौके पर ही निराकरण के अभियान की भी खुलकर तारीफ की। इस दौरान निगम क्षेत्र में शासकीय योजनाओं से लाभान्वित होने वाले हितग्राहियों से भी उन्होंने चर्चा की एवं स्वावलंबन की राह में आगे बढ़ रहे महिलाओं के प्रयासों एवं गोधन से पेंट तैयार कर रही स्व-सहायता समूहों की तारीफ की। कार्यक्रम में महापौर श्री एजाज ढेबर, रायपुर ग्रामीण विधानसभा के विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष श्री कुलदीप जुनेजा, खादी ग्राम उद्योग बोर्ड के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र तिवारी, छत्तीसगढ योग आयोग के अध्यक्ष श्री ज्ञानेश शर्मा, नगर निगम के सभापति श्री प्रमोद दुबे सहित कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे, नगर निगम आयुक्त श्री मयंक चतुर्वेदी और अन्य अधिकारी तथा बड़ी संख्या में शहरवासी भी शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने शहरवासियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कुछ साल पहले नगर निगम क्षेत्र में पानी की सप्लाई टैंकरों से होती थी। प्रदेश की राजधानी की इस दशा को हमारी सरकार ने सुधारा है और राजधानी को टैंकर मुक्त बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि पीने के पानी की बात हो या साफ-सफाई की या फिर शहरवासियों के रोजगार और सुख सुविधा की, सभी के लिए सरकार नगर निगम के साथ तेजी से प्रयास कर रही है। बीरगांव नगर निगम क्षेत्र में अभी-अभी 104 करोड़ रूपए की लागत से नया जल शोधन संयंत्र शुरू हुआ है। मुख्यमंत्री ने रायपुर नगर निगम सहित पूरे प्रदेश के नगर निकायों को स्वच्छता के क्षेत्र में भारत सरकार से मिले राष्ट्रीय पुरस्कारों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि पार्षदों, अधिकारियों की मेहनत, स्वच्छता दीदीयों के पसीने और जन सहयोग से छत्तीसगढ़ को लगभग 60 से अधिक पुरस्कारों से नवाजा गया। यह हर छत्तीसगढ़िया व्यक्ति के लिए गर्व की बात है। उन्होंने रायपुर नगर निगम को स्वच्छता सर्वेक्षण में इस बार छठवें नम्बर से पहले नम्बर पर लाने के लिए शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की धन्वंतरी योजना, गरीबों की इलाज के लिए 5 लाख रूपए तक की डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना और गंभीर बीमारियों के लिए 20 लाख रूपए तक की सहायता वाली मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के बारे में भी बताया।
स्वामी आत्मानंद स्कूल खोलने शिविरो में मिले 10 हजार से अधिक आवेदन-
कार्यक्रम में महापौर श्री एजाज ढेबर ने बताया कि मोर महापौर मोर द्वार कार्यक्रम के तहत आयोजित हुए शिविरों में सबसे अधिक लगभग 10 हजार से अधिक आवेदन केवल स्वामी आत्मानंद स्कूल खोलने के लिए मिले हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री बघेल की इस योजना की लोकप्रियता इतनी है कि हर व्यक्ति, जनप्रतिनिधि अपने वार्ड में स्वामी आत्मानंद स्कूल शुरू कराकर अपने बच्चों को उसमें पढ़ाना चाहता है। इस पर मुख्यमंत्री अपने उद्बोधन में कहा कि स्वामी आत्मानंद स्कूल केवल स्कूल नहीं है, बल्कि गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के बच्चों के सपनों को साकार देने का माध्यम है। उन्होंने बताया कि इन स्कूलों से एक ओर जहां पालकों की गाढ़ी कमाई का बड़ा हिस्सा फीस के रूप में खर्च होने से बच रहा है, वहीं बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से बच्चों का भविष्य भी गढ़ा जा रहा है। इन स्कूलों के खुल जाने से दूसरे निजी स्कूलों में प्रतिस्पर्धा बढ़ी है और कुल मिलाकर शिक्षा के स्तर में बड़ा सुधार हुआ है। उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय से शासन की योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लेने की भी अपील की।
अवैध निर्माण के नियमितिकरण से मिली राशि का 25 प्रतिशत नगरीय निकायों का मिलेगा-
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कार्यक्रम में नगरीय क्षेत्रों में 5 हजार वर्ग फीट तक के अवैध निर्माण के नियमितिकरण की योजना के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने महापौर श्री एजाज ढेबर की मांग पर इस प्रकार के नियमितिकरण से मिली राशि में से 25 प्रतिशत राशि संबंधित नगर निगम और नगरीय निकायों को उपलब्ध कराने की घोषणा की। इस 25 प्रतिशत राशि से नगरीय क्षेत्रों में विकास को नये आयाम मिलेंगे और जनसुविधाओं में भी बढ़ोत्तरी होगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने महापौर की मांग पर ही रायपुर नगर निगम क्षेत्र में नाली, सड़क निर्माण जैसे छोटे-छोटे कामों के लिए 10 करोड़ रूपए भी मौके पर ही मंजूर किए।
35 दिन में मिले 28 हजार से अधिक आवेदन साढ़े 23 हजार का हुआ निराकरण-
मोर महापौर मोर द्वार कार्यक्रम के बारे में बताते हुए महापौर श्री एजाज ढेबर ने कहा कि 35 दिन शहर के हर दो वार्डों में नगर निगम के अधिकारियों-कर्मचारियों जनप्रतिनिधियों ने शिविर लगाकर लोगों की समस्याओं को सुना। उन्होंने बताया कि इस दौरान कुल 28 हजार 059 आवेदन मिले, जिनमें से 23 हजार 582 आवेदनों का मौके पर ही निराकरण कर दिया। महापौर ने बताया कि शेष आवेदनों का परीक्षण कर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। इन शिविरों में 6 हजार 567 आय प्रमाण पत्र, 3 हजार 164 आयुष्मान कार्ड, एक हजार 370 ई-श्रमिक कार्ड, एक हजार 082 आधार कार्ड, 896 निवास प्रमाण पत्र, 873 राशन कार्ड, 871 जाति प्रमाण पत्र बनाकर शिविर स्थल पर ही लोगों को दिए गए। महापौर ने बताया कि वार्डवार इन शिविरों में स्व-सहायता समूह की महिलाओं को 5 करोड़ रूपए तक के ऋण स्व-रोजगार के लिए दिए गए और लोगों की मांग पर मूलभूत सुविधाओं के लिए एक करोड़ रूपए से अधिक कामों के लिए स्वीकृति भी शिविरों में दिए गए।
कार्यक्रम में नगर निगम के सभी एमआईसी सदस्य, पार्षदगण, एल्डरमैन, सभी जोन के अधिकारी-कर्मचारी सहित गणमान्य नागरिक सम्मिलित हुए।