देश के सबसे बड़े व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, एवं कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि आज देवउठनी एकादशी के पावन अवसर पर प्रदेश में अगले 16 दिसंबर तक शादियों के सीजन में लगभग 3,000 करोड़ का अतिरिक्त व्यापार संभावित है। आज शादियों के सीजन का पहला दिन है, जो 18 दिनों तक चलेगा। इस अवधि में पूरे प्रदेश सहित देश भर में लगभग 48 लाख शादियाँ होने का अनुमान है जो व्यापारिक गतिविधियों में जबरदस्त वृद्धि लाएगा और अगले एक महीने से अधिक समय तक प्रदेश सहित देश में गाजे बाजे की आवाज़ सुनाई देगी। आज प्रदेश सहित देश भर के विभिन्न राज्यों के मंदिरों एवं अन्य अनेक स्थानों पर तुलसी विवाह भी संपन्न हुए। तुलसी का पौधा सीधा भगवान विष्णु से संबंधित होता है और देवउठनी एकादशी पर देशभर में भगवान श्री विष्णु के शालिग्राम स्वरूप का विवाह तुलसी माता से करवाया जाता है जिसे बहुत शुभ माना गया है।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी ने बताया कि पुराणों के अनुसार देवउठनी एकादशी को भगवान श्री विष्णु चार माह की निद्रा के बाद जागते हैं तथा देव के उठने के बाद से ही मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है और इसीलिए इस दिन से शादियों के शुभ मुहूर्त भी शुरू होते हैं। शादी के सीजन में कपड़े, आभूषण, सजावट, इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्नीचर, उपहार और खानपान जैसी विभिन्न श्रेणियों के व्यापार में बड़ी वृद्धि होती है वहीं बड़ी मात्रा में विभिन्न प्रकार के सेवा प्रदाताओं को भी बड़ा व्यापार मिलता है वहीं बड़े पैमाने पर रोज़गार के अवसर भी मिलते हैं। कैट के एक अनुमान के अनुसार, इस शादी के सीजन में व्यापार से लगभग 6 लाख करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होगा जो प्रदेश सहित देश के आर्थिक एवं सामाजिक ढाँचे को मजबूत करेगा। श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने कहा कि यह सीधे तौर पर भारत की अर्थव्यवस्था में “ सनातन अर्थव्यवस्था” के महत्वपूर्ण प्रतिभाग को दर्शाता है।
ं
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने कहा कि यह शादी का सीजन न केवल व्यापारियों के लिए बल्कि अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान देगा। हम आशा करते हैं कि यह सीजन सभी व्यापारियों और लोगों के लिए सुखद एवं समृद्धि लाने वाला होगा। शादी के सीजन में कारोबार की अच्छी संभावनाओं को देखते हुए देशभर के व्यापारियों ने व्यापक तैयारियां की हैं। ग्राहकों की संभावित भीड़ को देखते हुए व्यापारी अपने यहां सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विवाह का लगभग 20 प्रतिशत खर्च दूल्हा-दुल्हन पक्ष को जाता है जबकि 80 प्रतिशत खर्च विवाह संपन्न कराने में काम करने वाली अन्य तीसरी एजेंसियों को जाता है इसीलिए शादियों के सीजन में की गई ख़रीदी व्यापार में वित्तीय तरलता बनाए रखती है।