छत्तीसगढ़ सरकार के साथ मिलकर करेंगे वामपंथ उग्रवाद का सफायाः केंद्रीय गृहमंत्री
अमित शाह ने प्रदेश वासियो को दी पोला की बधाई, छत्तीसगढ़ सरकार को दिया धन्यवाद
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश वासियों को पोला पर्व की बधाई देते हुए कहा है कि NIA एक विश्वसनीय संगठन के रूप में जाना जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि चाहे उग्रवाद हो आतंकवाद ये मानवता के दुश्मन है और हमें इनके खिलाफ कार्य करने वाली सभी एजंसियों का समर्थन करना चाहिए।
मुख्यमंत्री बघेल राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण शाखा (NIA) के रायपुर कार्यालय भवन के उद्घाटन समारोह के अवसर पर केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह के साथ मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा है कि केंद्रीय गृहमंत्री के सहयोग से छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद का बहुत जल्द खात्मा किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के साथ ही वामपंथ उग्रवाद हमें विरासत में मिला। इसकी वजह से जवान शहीद हुए, जनहानि हुई लेकिन आज हम नक्सलवाद को बहुत हद तक पीछे ढकेलने में सफल हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस , केंद्रीय एजेंसियां, राजनीतिक लोग और आम जनता इसके लिए धन्यवाद की पात्र हैं। मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि लोगों का विश्वास छत्तीसगढ़ सरकार पर है और बहुत जल्द हम छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद खत्म करने में सफल होंगे।
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण शाखा (NIA) रायपुर के कार्यालय भवन का उद्घाटन करने पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के लोगों को पोला पर्व की बधाई देते हुए कहा कि परंपरागत त्यौहारों को हमारे पूर्वजो ने बहुत सोच समझ कर बनाया है और पोला पर्व तो अन्न से जुड़ा त्यौहार है जिसमें कृषि से जुड़ी वस्तुओं की पूजा की जाती है। श्री अमित शाह ने कहा कि नक्सलवाद और आतंकवाद की लड़ाई केवल केंद्र और राज्य की नही है, बल्कि यह विकास का भी मुद्दा है और जब तक इन्हें खत्म नही किया जाता तब तक किसी भी देश या राज्य का विकास नही हो सकता है। नक्सलवाद पर नकेल कसने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के साथ मिलकर वो प्रदेश में वामपंद उग्रवाद का खात्मा करेंगे। अपने उद्बोधन के अंत में उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार को धन्यवाद भी दिया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय गृहमंत्री को छत्तीसगढ़ की परंपरा के अनुसार उन्हें पोला पर्व की बधाई देने के साथ ही एक टुकनी भी भेंट की जिसमें छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक एवं स्थानीय व्यंजन का समावेश था।