रायपुर! प्रदेश के सभी निर्माण विभाग के टेंडर बहिष्कार से काम काज चरमरा गया है! किसी भी निर्माण विभाग मै टेंडर प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ रही है! इसका असर सीधे तौर पर प्रदेश के निर्माण कार्यों पर पड़ेगा, जो अगले दो-तीन महीने में होने हैं! क्योंकि जो टेंडर जारी किए गए हैं वह सभी सड़क बिल्डिंग नहर नाली और पुल पुलिया के निर्माण से संबंधित है! जिनका निर्माण जून के दूसरे सप्ताह से ही शुरू होना था परंतु कांट्रेक्टर्स के सामने बड़ी चुनौती बढ़ते मटेरियल के दामों को लेकर है!
छत्तीसगढ़ कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बीरेश शुक्ला ने जारी बयान में कहा है कि प्रदेश के कॉन्ट्रैक्टरो को संघर्ष करना पड़ रहा है! क्योंकि बाजार और बैंकों से कर्ज लेकर अभी तक किसी तरह कॉन्ट्रैक्ट निर्माण कार्य कराने में लगे रहे, परंतु संभव नहीं हो पाने के कारण मजबूरी में 14 मई से टेंडर बहिष्कार का ऐलान करना पड़ा, जो कि गुरुवार को 13वे दिन पूरे विभागों में टेंडर प्रक्रिया पूरी तरह से ठप रही है! एसोसिएशन की प्रदेश स्तरीय बैठक में सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव के तहत जब तक शासन प्रशासन द्वारा प्रदेश के मांगो के निराकरण के लिए ठोस पहल और निर्णय नहीं लिए जाते तब तक संघर्ष जारी रहेगा!
सभी बड़े अफसरों तक पहुंचा मांग पत्र “फिर भी चुप्पी ”
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बीरेश शुक्ला ने बताया कि कॉन्ट्रैक्टरों की मांगों का प्रतिवेदन मुख्य सचिव अमिताभ जैन सहित सभी निर्माण विभागों के सचिवों तक पहुंचा दिया है! परंतु अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया जाना समझ से परे है! क्योंकि 14 मई से टेंडर बहिष्कार के साथ ही निर्माण विभाग के तकनीकी प्रमुख अधिकारियों के साथ हुई बैठक में सभी ने कॉन्ट्रैक्टरों की मांगों को जायज माना है! शुक्ला ने बताया है कि इन प्रमुख अफसरों के अलावा वेयरहाउस कॉरपोरेशन कृषि उपज मंडी बोर्ड के प्रबंध संचालको को भी मांग पत्र सौंपा! एसोसिएशन को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर पूरा भरोसा है कि जिस तरह अनेक कर्मचारी और अधिकारी संघो और संगठनों की मांगों का निराकरण करने में माननीय मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बड़ा दिल दिखाया है उसी तरह छत्तीसगढ़ कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन की मांगों का भी निराकरण कराने के लिए अफसरों को आदेशित करेंगे