छत्तीसगढ। भानुप्रतापुर उपचुनाव प्रभारी व वरिष्ठ भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि 4 साल तक कांग्रेस जो अपने विकास की गाथा कहते रही ,भानुप्रतापपुर उपचुनाव में उन्होंने उस पर वोट मांगने के बजाय एक आदिवासी युवक पर झूठे आरोप लगाकर चुनाव जीतना चाहा। भानुप्रतापपुर उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी को कांग्रेस ने हमेशा अपमानित करने का काम किया है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम सहित पूरी कांग्रेस पार्टी ने आदिवासी समाज को बिकाऊ बताकर पूरे आदिवासी समाज का अपमान किया है।
जिसका बदला भानुप्रतापपुर की जनता जरूर लेगी। यह अपमान पूरे आदिवासी समाज का अपमान है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में शराब सरकारी दुकान के माध्यम से बेची जा रही है। उपचुनाव के दौरान अवैध शराब जो पकड़ी गई है इस सरकार को बताना चाहिए कि वह कहां की है छत्तीसगढ़ की है या दूसरे प्रदेश की शराब है। क्षेत्र का बेटे, पूर्व विधायक के खिलाफ कांग्रेस ने चरित्र हनन का गंदा आरोप लगाकर उपचुनाव जीतने की ओछी मानसिकता का परिचय दिया है।
पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने कहा कि भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव प्रचार में कांग्रेसी पूरे चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी का चरित्र हनन करते रहे, ऐसी घटिया राजनीति करने के लिए कांग्रेस के लोगो को आदिवासी समाज कभी माफ नहीं करेगा। पूरे चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी के नेता आदिवासी समाज को भ्रमित, गुमराह एवं अपमानित करते रहे।
कांग्रेस पार्टी ने भानुप्रतापपुर चुनाव के लिए आदिवासी समाज को भ्रमित करते हुए अपमानित किया जिसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं उनकी पूरी कांग्रेस पार्टी को जनता की हाय लगेगी। पूर्व राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने कहा कि झारखंड की पुलिस को बुलाकर भाजपा प्रत्याशी को गिरफ्तार करने के साथ क्षेत्र के कार्यकताओं को प्रताड़ित भी किया गया । कांग्रेस ने चुनाव में निम्न स्तर की राजनीति की है ऐसा छत्तीसगढ़ में नही देखा जाता।
भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के भाजपा प्रत्याशी ब्रम्हानंद नेताम की गिरफ्तारी पर झारखंड हाईकोर्ट द्वारा रोक लगा दिए जाने से स्पष्ट हो गया है कि भाजपा प्रत्याशी की चरित्र हत्या की साजिश कांग्रेस ने रची। अब उसे चुल्लू भर पानी में डूब जाना चाहिए और युवा आदिवासी प्रत्याशी का बार-बार चरित्र हनन करने वाले, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आदिवासी समाज से माफी मांगते हुए तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।
कांग्रेस आदिवासी समाज को लांछित करने के पाप का दंड भुगतने तैयार रहे। कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए जो निकृष्ट हरकत की है, आदिवासी समाज उसे कभी माफ नहीं करेगा। बूढ़ादेव पर आस्था रखने वालो को बिकाऊ बताने वाली कांग्रेस ने भोले भाले आदिवासी युवा, भाजपा प्रत्याशी को चुनाव लड़ने और जीतने से रोकने के लिए जो षड्यंत्र रचाए उसने छत्तीसगढ़ को शर्मसार करने के साथ ही आदिवासी समाज के सम्मान को अत्याधिक ठेस पहुंचाई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तो इससे भी गिरी हुई राजनीति तब की जब आदिवासी युवा को चुनाव के दौरान लगातार बलात्कारी कहते रहे। कांग्रेस ने आदिवासी समाज का घोर अपमान किया है।
अब झारखंड हाईकोर्ट ने ब्रम्हानंद की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। यह आदिवासी समाज को प्रताड़ित करने वाली कांग्रेस के मुंह पर करारा तमाचा है।
कांग्रेस ने सत्ता का दुरुपयोग करते हुए क्षेत्र में अपने सरकारी मशीनरी का उपयोग किया। सीईओ, रेंजर, सहित पुलिस के सभी अधिकारियों पूरे चुनाव में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में लगाए रखा। क्षेत्र में जब भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा अवैध शराब पकड़ी गई तो क्षेत्र के अधिकारियों द्वारा उस पर कोई कार्यवाही नहीं किया गया।
पूरे भानुप्रतापपुर में सामग्री एवं साड़ी बांटने की शिकायत पर भी प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं किया। कांग्रेस ने एक उपचुनाव जीतने की कोशिश में न केवल लोकतंत्र की हत्या की बल्कि आदिवासी समाज के स्वाभिमान पर चोट की है। अब आदिवासी समाज कभी कांग्रेस का साथ नही देगा।