रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मोदी सरकार में केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने संसद में भाजपा सांसद कार्तिकेय शर्मा के एक प्रश्न के जवाब में भगवान रामसेतु के अस्तित्व को नकार दिया है, कहा कि कुछ पत्थरों के अवशेष मिले है। लेकिन कह नहीं सकते कि वह राम सेतु है।
अरूण साव संसद में कही गयी भाजपा सरकार के मंत्री के अधिकृत बयान को पढ़ ले यही भाजपा का असली चरित्र है। भाजपाई कालनेमी रूपी राम भक्त है। भाजपा अध्यक्ष बताये कि राम सेतु को नकारने वाली मोदी सरकार का विरोध कब करेंगे? मोदी सरकार के मंत्री ने सदन में अधिकृत रूप से राम सेतु के अस्तित्व को नकारा है। मतलब पूरी भाजपा और भाजपा सरकार इससे सहमत है।
मंत्री के बयान पर प्रधानमंत्री ने भी कुछ नहीं कहा उनकी भी मौन सहमति है। राम सेतु के नाम पर कांग्रेस के खिलाफ दुष्प्रचार करने वाले भाजपाई कांग्रेस से माफी मांगे।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मंत्री जितेन्द्र सिंह का संसद में दिया बयान भाजपा का असली चरित्र है। जिस भाजपा ने भगवान श्री राम के नाम पर अपनी राजनीति को चमकाया।
भगवान श्रीराम के नाम 2 सीट से पूर्ण बहुमत की सरकार केंद्र में और अन्य राज्यों में बनाया। आज वही भाजपा श्रीराम सेतु के अस्तित्व को नकार रही है। भाजपा का यह कृत्य निंदनीय है। श्रीराम सेतु के सवाल पर भाजपा ने कांग्रेस को झूठा बदनाम किया। हकीकत यह है इसके पहले भी भाजपा की अटल बिहारी की सरकार में जहाजरानी मंत्री रही टी.आर. बालू ने भी श्रीराम सेतु को नकारा था, हलफनामा दिया था। भाजपा मूल रूप से धर्म विरोधी है तथा धर्म को अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिये उपयोग करती है। हकीकत में उसका चरित्र धर्म विरोधी है। उसके लिये धर्म का अर्थ सिर्फ मतों के ध्रुवीकरण करने के लिये मात्र होता है। भाजपा धर्म का उपयोग भावना को भड़काने के लिये करती है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस की नरसिम्हा राव की सरकार के समय 1993 में नासा के माध्यम से सेटेलाईट के कुछ तस्वीर लेकर उसका विश्लेषण किया था, जिसमें यह अनुमान लगा कि यह पुल मानव निर्मित है। अर्थात कांग्रेस की सरकार ने यह स्थापित करवाया सेतु बंधु रामेश्वरम में स्थिति श्रीराम सेतु का अस्तित्व हैं दुर्भाग्यजनक है कि आज भाजपा उसको नकार रही है। भारत के दक्षिण पूर्व में रामेश्वरम और श्रीलंका के पूर्वोत्तर में मन्नार द्वीप के बीच पौराणिक श्रीराम सेतु उपलब्ध है। लंका युद्ध के पूर्व भगवान श्रीराम ने अपनी वानर सेना और सेना के दो वीर नल-नील के सहयोग से सेतु बंधु रामेश्वरम पुल बनाया था, जिसके माध्यम से वानर सेना लंका पर चढ़ाई करने गयी थी।