पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने बिरनपुर घटना के बाद वहां पहुंचकर स्व. भुवनेश्वर साहू के परिजनों से भेंट की। उन्होंने कहा कि बिरनपुर से लेकर बस्तर तक हालात भयावह और चिंताजनक है। बिरनपुर में जिस तरह से पुलिस का छावनी में तब्दील हो गयी है। वहां स्थानीय नागरिकों में भारी भय है एक तरह से पुलिस का पीएचक्यू बिरनपुर में सिफ्ट कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस के दबाव में कहीं भी हालात बेहतर नहीं हो सकते हैं। वहां पर लागातर हालात बिगड़ती जा रही है। वहीं हालात बस्तर में भी गंभीर है नक्सल हिंसा में शहीद जवानों को अंतिम संस्कार के लिये सुरक्षा भी मुहैय्या भी नहीं करा पाई इससे दुर्भाग्यजनक स्थिति और क्या हो सकती है? इससे पीड़दायक और क्या हो सकती की शहीदों को अपने गांव की मिट्टी भी नसीब नहीं हो पाई और नक्सलियों के दबाव के सामने कांग्रेस की सरकार पुरी तरह नतमस्तक है। प्रदेश सरकार चाहती तो शहीदों का सुरक्षा के बीच अंतिम संस्कार उनके गांव में किया जा सकता था। मुख्यमंत्री बघेल अपने कथित वामपंथी सलाहकारों से नक्सलवाद उनमूलन के लिये कुछ सुझाव क्यों नहीं लेते है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार नक्सल मोर्चे पर पुरी तरह से असफल है।
अपनी असफलता को छुपाने के लिये आये दिन मुख्यमंत्री भ्रमकारी बयान देकर अपनी जिम्मेदरियों से बचने की कोशिश करते हैं। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कौशिक ने कहा कि जब समूचा विश्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मन की बात को प्रेरणास्वरूप सुन व आत्मसात कर रहा है तो इस ऐतिहासिक पल में मुख्यमंत्री बघेल व उनके मंत्रीगण को अपनी राजनीतिक भावना से उपर उठकर तीस अप्रैल को मन की बात से जुड़ना चाहिए।