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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में नगरीय निकाय कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे हुए हैं। यह हड़ताल 11 दिसंबर से प्रदेशभर में जारी है। कर्मचारी अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं और आज विधानसभा का घेराव करने की तैयारी में हैं।
कर्मचारियों की मुख्य मांगें
नगरीय निकाय और नगर पालिका कर्मचारियों ने अपनी 6 प्रमुख मांगें रखी हैं:
- ट्रेजरी के माध्यम से वेतन का भुगतान।
- पुरानी पेंशन योजना (ओल्ड पेंशन स्कीम) लागू करना।
- छठवें और सातवें वेतनमान की एरियर राशि का शीघ्र भुगतान।
- अनुकंपा नियुक्ति की प्रक्रिया को तेज करना।
- 10 वर्षों की सेवा के बाद पदोन्नति सुनिश्चित करना।
- ठेका प्रणाली समाप्त कर ठेका कर्मचारियों का नियमितीकरण।
12 से 14 नवंबर के बीच बिलासपुर में हड़ताल की गई थी, लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
नवनियुक्त अधिकारी कर्मचारी कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश सोनी ने बताया कि अब तक शासन ने केवल आश्वासन दिए हैं, लेकिन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया।
प्दर्शनकारियों ने घोषणा की है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो आगामी चुनावों में वे और उनके परिवार मतदान में भाग नहीं लेंगे।
इस संबंध में उन्होंने जिला कलेक्टर और नगरीय प्रशासन मंत्री को पत्र सौंपा है।
इस हड़ताल के चलते नगर निगम और निकायों की सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। सफाई, जलापूर्ति, और अन्य बुनियादी सेवाओं में रुकावट से आम जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
कर्मचारियों के विधानसभा घेराव और बढ़ते दबाव के बीच सरकार पर मांगों को पूरा करने का दबाव बढ़ता जा रहा है। अब सभी की नजरें सरकार की अगली रणनीति पर टिकी हैं।